(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
K S Eshwarappa Assets: अमित शाह की रिक्वेस्ट ठुकराकर भर दिया पर्चा, जानें BJP का सिरदर्द बने ईश्वरप्पा की प्रॉपर्टी
Lok Sabha Elections 2024: बीजेपी के बागी नेता और पूर्व CM के.एस. ईश्वरप्पा इस संपत्ति पिछले छह सालों में चार गुना बढ़ी है. 2018 में वह 6.41 करोड़ की संपत्ति के मालिक थे अब 26.64 करोड़ के हैं.
K S Eshwarappa Assets: बीजेपी के बागी नेता और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री के.एस. ईश्वरप्पा ने अपनी ही पार्टी के खिलाफ निर्दलीय ताल ठोका है. इसके लिए उन्होंने नामांकन दाखिल कर दिया है और अपने हलफनामे में उन्होंने जिस संपत्ति का खुलासा किया है वह चौंकाने वाली है. महज 6 सालों में उनकी संपत्ति चार गुना बढ़ गई है.
उन्होंने 12 अप्रैल को एक इंडिपेंडेंट कैंडिडेट के रूप में नामांकन पत्र दाखिल किया था. उनके हलफनामे के अनुसार, वह 26.63 करोड़ से अधिक की संपत्ति के मालिक हैं.
2018 के विधानसभा चुनाव के एस ईश्वरप्पा की संपत्ति कितनी थी?
इसके पहले 2018 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने हलफनामे के जरिए अपनी संपत्ति की घोषणा की थी. उस समय उनके पास महज 6.41 करोड़ से अधिक की संपत्ति और कीमती सामान थे.
ईश्वरप्पा के पास है इतनी संपत्ति
77 वर्षीय वरिष्ठ बीजेपी नेता ने कर्नाटक में शिवमोग्गा में एक निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन पत्र दाखिल किया है. पिछले छह वर्षों में, उन्होंने बेंगलुरु में दो वाणिज्यिक संपत्तियां खरीदी हैं. वह और उनके बेटे के.ई. कांतेश ने संयुक्त रूप से 2019 में जयनगर, बेंगलुरु में 4,000 वर्ग फुट की एक वाणिज्यिक संपत्ति खरीदी. संपत्ति का वर्तमान बाजार मूल्य ₹7.5 करोड़ रुपये बताया गया है. पिता-पुत्र की जोड़ी ने 2021 में कुमारा पार्क में एक और व्यावसायिक संपत्ति खरीदी है. संपत्ति में ईश्वरप्पा की हिस्सेदारी 25% है, और इसका वर्तमान बाजार मूल्य ₹3.75 करोड़ है.
पूर्व मंत्री के पास कोई वाहन नहीं है. उनके हलफनामे के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2022-23 में उनकी वार्षिक आय ₹98.92 लाख थी, जबकि वर्ष 2016-17 में उनकी वार्षिक आय ₹21.99 लाख थी. उन पर ₹5.87 करोड़ की देनदारियां हैं. उनकी पत्नी जयलक्ष्मी के पास ₹6.87 करोड़ से अधिक की संपत्ति है.
अमित शाह का रहे हैं खास
बता दें कि ईश्वरप्पा कर्नाटक में बीजेपी के दिग्गज नेताओं में से एक रहे हैं. वह केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बेहद खास नेताओं में शामिल रहे हैं और जब वह बागी हुए तो गृहमंत्री ने भी उनसे बात कर समाधान का आश्वासन दिया था. गृहमंत्री ने उन्हें निर्दलीय चुनाव नहीं लड़ने की अपील की थी लेकिन ईश्वरप्पा ने किसी की नहीं सुनी. यहां तक कि चुनाव प्रचार के समय जब वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर का इस्तेमाल कर रहे थे, तब भी उन्हें आयोग की ओर से चेतावनी दी गई थी.