नई दिल्लीः कर्नाटक में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है. एक किसान जो चिक्काबल्लापुरा जिले में गौरीबिदनूर से पेद्दनाहल्ली की केएसआरटीसी की बस से यात्रा कर रहा था वो उस समय हैरान रह गया जब बस के कंडक्टर ने उससे दो मुर्गियों के लिए आधे-आधे टिकट लेने के लिए कहा.


किसान का नाम श्रीनिवास है और वो पेद्दनाहल्ली का रहने वाला है. उसने बताया कि उसने गौरीबिदनोर से 150-150 रुपये की दो मुर्गियां खरीदीं थीं और इसके बाद उसने शाम 7 बजकर 10 मिनट पर बस स्टैंड से पेद्दनाहल्ली के लिए बस ली. उसने कंडक्टर को 50 रुपये का नोट दिया और बस का किराया 24 रुपये था लेकिन वो उस समय हैरान रह गया जब बस कंडक्टर ने उसे सिर्फ 2 रुपये वापस किए और 12-12 रुपये दो मुर्गियों के टिकट के रूप में काट लिए. कंडक्टर ने किसान को दिए गए टिकट के पीछे लिख दिया कि उसने 2 मुर्गियों के लिए आधा-आधा टिकट काटा है.


श्रीनिवास ने जब टिकट चेक किए तो उसने देखा कि दोनों मुर्गियों के लिए कंडक्टर ने 12-12 रुपये का टिकट काटा था. दरअसल आधा टिक्ट 6 से 12 साल के उम्र के बच्चों के लिए काटा जाता है जिनका वजन 23 किलो से 30 किलो के बीच होता है और जो सीट लेते हैं. श्रीनिवास ने जब कंडक्टर से कहा कि उसके साथ कोई बच्चे नहीं है और उसे क्यों दो आधे टिकट जारी किए हैं.


इसके बारे में कंडक्टर ने किसान के साथ की दो मुर्गियों की तरफ इशारा करते हुए कहा कि उसने इनके लिए टिकट काटा है और उसे नियमों की जानकारी है. इसके बाद दोनों के बीच झगड़ा हुआ और ये झगड़ा तब खत्म हुआ जब श्रीनिवास का स्टॉप आ गया और वो उतर गया.


इसके बाद श्रीनिवास ने कहा कि हम किसान पब्लिक ट्रांसपोर्ट पर निर्भर करते हैं और मेरे पास सिर्फ 2 मुर्गियां थीं जिनका वज़न 2.5 किलो था और उन्हें मैंने सीट पर भी नहीं रखा था. वो एक प्लास्टिक के बैग में थे और वो मेरे गोद में थे. मुझे इस बात से धक्का लगा कि मुझे उनके लिए आधा टिकट लेना पड़ा.


अब केएसआरटीसी की नीति देखें तो जो इसकी वेबसाइट पर दिया गया है इसके मुताबिक खरगोश, कुत्ते, बिल्ली, पक्षी और पिंजरे में बंद पक्षियों के लिए बच्चों के किराए के बराबर किराया लिया जाता है. पालतू जानवर सफर कर रहे यात्री के जोखिम पर ट्रेवल करते हैं. नियमों के मुताबिक पालतू जानवरों को टोकरी में ले जाना जरूरी है और उनके फेसमास्क होने चाहिए और वो जानवर चेन से बंधे होने चाहिएं. यात्रियों को किसी तरह की दिक्कत न हो ये जानवर ले जाने वाले यात्री की जिम्मेदारी है और किसी भी हालत में वो मुफ्त सफर नहीं कर सकते हैं.


इसके अलावा केएसआरटीसी के गौरीबिदनूर के डिपो मैनेजर एयू शरीफ ने भी कहा कि उन्हें इस घटना की जानकारी है और श्रीनिवास को ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन के नियमों के मुताबिक ही चार्ज किया गया है.