नई दिल्ली: भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान में फांसी की सजा पर भारत भर में प्रदर्शन हो रहे हैं. भारत सरकार ने भी अपना रुख औऱ कड़ा कर लिया है. सरकार ने साफ कर दिया है कि कुलभूषण को बचाने के लिए सरकार किसी भी हद तक जाएगी. वहीं पाकिस्तान ने कहा है कि कुलभूषण मामले में अपील करने के लिए 60 दिन का वक्त है.


कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान में मौत की सजा


कुलभूषण को फांसी की सज़ा दिए जाने पर खून के आंसू रो रहे हैं ये परिवार!


कुलभूषण को फांसी दिए जाने के खिलाफ पूरा देश एक आवाज में बोल रहा है. यही वजह है कि पाकिस्तान से जवाब देते नहीं बन रहा. भारत के गुस्से का अंदाजा पाकिस्तान के हाई कमीशनर अब्दुल बासित और पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री खुर्शीद कसूरी को भी हो गया. इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में मीडिया ने बार-बार पूछा कि आखिर कुलभूषण को सजा क्यों. इसपर बासित ने जवाब दिया कि  आप मुझसे जबदस्ती कुछ बुलवा नहीं सकते.


कुलभूषण की सजा-ए-मौत पर संसद से लेकर सड़क तक हंगामा, सरकार बोली, ‘बचाने की हर कोशिश करेंगे’


बासित भले कुछ ना बोलें लेकिन पाकिस्तान को भारत के सवालों के जवाब देने ही होंगे. भारतीय नेताओँ ने एक आवाज में पाकिस्तान की करतूतों का भंडाफोड़ किया. कुलभूषण जाधव को बचाने के लिए सरकार और विपक्ष एकजुट है. जाधव को फांसी के फैसले पर सख्त रवैया अपनाते हुए सरकार के दो बड़े मंत्रियों ने पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी दी.


पाकिस्तान पर सुषमा-राजनाथ का सख्त बयान


कल राज्यसभा में सुषमा स्वराज ने कहा, ‘’जाधव ने कुछ भी गलत किया, इस बात के कोई सबूत नहीं हैं और ऐसी हालत में हमारे पास ये कहने के अलावा कोई चारा नहीं है कि अगर ये फैसला बरकरार रखा जाता है तो ये सुनियोजित हत्या होगी.’’


लोकसभा में राजनाथ सिंह ने कहा, ‘’पाकिस्तानी मीडिया को ब्रीफ करते समय पाकिस्तानी अथॉरिटी ने कुलभूषण के संबंध में कहा कि कुलभूषण के पास एक वैध भारतीय पासपोर्ट मिला है, अब अगर कुलभूषण के पास वैध भारतीय पासपोर्ट मिला है तो वो जासूस कैसे हो सकता है ये बात समझ में नहीं आती है.’’


पाकिस्तान ने जाधव का एक वीडियो भी जारी किया


कुलभूषण जाधव को भारत का जासूस साबित करने के लिए पाकिस्तान ने पिछले साल मार्च में कुलभूषण के कबूलनामे का ये वीडियो जारी किया था, लेकिन करीब 6 मिनट के इस वीडियो में 100 से ज्यादा कट लगे थे. भारत इस वीडियो को खारिज कर चुका है. इस वीडियो के अलावा पाकिस्तान की तरफ से न कोई सबूत पेश किया गया, न ही पाकिस्तान में भारतीय दूतावास के अधिकारियों को कुलभूषण से मिलने दिया गया.


जाधव के पास अपील के लिए 60 दिन का वक्त


पाकिस्तानी एजेंसियों ने कुलभूषण को ईरान से अगवा किया और जानबूझकर बलूचिस्तान में गिरफ्तारी दिखाई. इस बात की पुष्टि बलूच नेता अब्दुल नवाज बुगती भी कर रहे हैं. बुगती खुद पाकिस्तान के डर से स्विटरलैंड में बैठे हैं.


जाधव फैसले के खिलाफ अपील कर सकते हैं, जिसकी सुनवाई मेजर जनरल रैंक का अधिकारी करेगा. वहां भी सजा बरकरार रहती है तो जाधव के पास पाकिस्तानी सेना प्रमुख के पास अपील करने का मौका होगा और पाकिस्तानी राष्ट्रपति से माफी की अपील का आखिरी रास्ता होगा. पाकिस्तानी कोर्ट का फांसी का ये फैसला सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि खुद पाकिस्तान में भी सवालों के घेरे में हैं. एमनेस्टी इंटरनेशनल ने भी इस फैसले पर सवाल उठाए हैं.