नई दिल्ली: कुलभूषण जाधव मामले में इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) में भारत की बड़ी जीत हुई है लेकिन पाकिस्तान अपनी पीठ थपथपा रहा है. पाकिस्तान का कहना है कि आईसीजे में उसकी जीत हुई है. पाकिस्तान के इस दावे पर आज विदेश मंत्रालय ने कहा कि मुझे लगता है कि अपने लोगों से झूठ बोलने को लेकर पाकिस्तान की अपनी मजबूरियां हैं.


विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने पाकिस्तान पर तंज कसते हुए कहा, ''सच कहूं, ऐसा लगता है कि वे अलग फैसले पढ़ रहे हैं. आईसीजे का फ़ैसला 42 पन्ने में है, अगर 42 पन्ने पढ़ने का धैर्य नहीं है तो उन्हें सात पन्ने का प्रेस रिलीज पढ़ना चाहिए, जिसमें हर एक प्वाइंट भारत के पक्ष में है.''


रवीश कुमार ने कहा कि पाकिस्तान के पास कोई विकल्प नहीं है. उन्होंने कहा, ''कुलभूषण जाधव मामले में आईसीजे का फैसला अंतिम, बाध्यकारी और अब इस पर कोई अपील नहीं हो सकती है. आईसीजे के फैसले को लागू करना पाकिस्तान का कर्तव्य है.''





आपको बता दें कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री महमूद कुरैशी ने आईसीजे के फैसले के बाद कहा है कि जाधव पाकिस्तान में रहेगा. उसके साथ पाकिस्तान के कानूनों के मुताबिक व्यवहार किया जाएगा. यह पाकिस्तान के लिए जीत है.


उन्होंने कहा, ‘‘वे उसकी रिहाई चाहते थे, इसे मंजूर नहीं किया गया. वे उसकी वापसी चाहते थे, इसे भी खारिज कर दिया गया. अगर वे फिर भी जीत का दावा करते हैं तो ...शुभकामनाएं.’’


अंतरराष्ट्रीय अदालत (आईसीजे) ने बुधवार को पाकिस्तान को भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को सुनाई गई फांसी की सजा पर प्रभावी तरीके से फिर से विचार करने के लिए कहा. साथ ही आईसीजे ने कहा कि पाकिस्तान राजनयिक पहुंच प्रदान करे.


रिटायर्ड भारतीय नौसेना अधिकारी जाधव (49) को ‘‘जासूसी और आतंकवाद’’ के आरोपों पर पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी. उसे सजा सुनाए जाने का भारत में कड़ा विरोध हुआ था.


जस्टिस अब्दुलकावी अहमद यूसुफ की अगुवाई वाली 16 सदस्यीय पीठ ने एक के मुकाबले 15 मतों से कुलभूषण सुधीर जाधव को दोषी ठहराये जाने और उन्हें सुनाई गयी सजा की ‘‘प्रभावी समीक्षा करने और उस पर पुनर्विचार करने’’ का आदेश दिया.