नई दिल्ली: बीजेपी से बर्खास्त विधायक कुलदीप सेंगर के गुनाहों पर सुनवाई अब दिल्ली की तीसहजारी अदालत में हो रही है. शनिवार को कोर्ट ने सेंगर और उसके सहयोगी की पेशी के लिए वारंट जारी किया था, कुलदीप सेंगर को पेश किया जाएगा. माना जा रहा है कि सीबीआई उन्नाव कांड के चार मामलों में कुलदीप सेंगर की रिमांड की मांग कर सकती है. उधर कुलदीप सेंगर ने कहा कि उसके साथ राजनीतिक साजिश हुई है. सीतापुर से दिल्ली लाने के लिए कुलदीप सेंगर को जब जेल से बाहर निकाला जा रहा था उस वक्त मीडिया सेंगर ने पूरे मामले में साजिश की बात कही. इतना ही नहीं उसने खुद को बीजेपी का समर्पित कार्यकर्ता भी बताया.
सेंगर ने कहा, ''मैं बीजेपी का समर्पित कार्यकर्ता था. जिस दल में रहता हूं पूरे विश्वास के साथ रहता हूं. सारी राजनैतिक साजिश है. मुझे प्रशासन, कोर्ट, सीबीआई सभी पर भरोसा है. न्याय होगा. आरोप लगाना बहुत आसान होता है.'' पीड़िता की हालत खराब होने पर सेंगर ने कहा कि मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं जल्द स्वस्थ हो जायें. सेंगर ने खुद पर लगे आरोपों के बारे में कहा कि इल्जाम लगाना बहुत आसान है लेकिन सिद्ध करना नहीं. आप मेरे घर जाएं और देखें मैंने किस तरह से समाज के गरीब और कमजोर लोगों की मदद की है. आज कोर्ट में सुनवाई के बाद सेंगर उसके सहयोगी शशि सिंह को दिल्ली की तिहाड़ जेल में भेजा जा सकता है.
लखनऊ के केजीएमयू में भर्ती उन्नाव रेप पीड़िता की हालत अभी भी बेहद गंभीर बनी हुई है. रविवार को केजीएमयू ने हैल्थ बुलेटिन जारी नहीं किया, केवल इतना ही कहा कि पीड़िता की तबीयत में सुधार नहीं है. शनिवार को बताया गया था पीड़िका को निमोनिया हो गया है जिससे तेज़ बुखार है और वो अभी भी वेंटीलेटर पर है. दूसरी ओर अस्पताल में भर्ती वकील वेंटिलेटर पर नहीं हैं.
रविवार को सीबीआई ने लखनऊ, उन्नाव, बांदा और फतेहपुर में छापेमारी की. इसके अलावा सीबीआई ने आरोपी कुलदीप सिंह सेंगर के परिसर पर भी छापा मारा गया. न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक कुल 17 स्थानों पर छापे मारे गए है. इसी बीच सीबीआई ने कुलदीप सेंगर से सीतापुर जेल में पूछताछ की है और संभव है सीबीआई सेंगर को सीतापुर से लेकर दिल्ली चली जाए.
मालूम हो कि सेंगर पर करीब 2 साल पहले उन्नाव की एक लड़की ने बलात्कार का आरोप लगाया था. सेंगर इस मामले में सीतापुर जेल में बंद हैं. इल्जाम लगाने वाली युवती और उसके परिजन की कार को रायबरेली जाते वक्त एक ट्रक ने एक संदिग्ध परिस्थितियों में टक्कर मार दी थी. इस हादसे में युवती की चाची और मौसी की मौत हो गई थी जबकि वह खुद और उसके वकील महेंद्र गंभीर रूप से घायल हो गए थे. वे दोनों इस वक्त लखनऊ के किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय स्थित ट्रामा सेंटर में मौत से जूझ रहे हैं. इस मामले में सेंगर समेत 10 नामजद तथा 15-20 अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया था. उच्चतम न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अगुवाई वाली पीठ ने गत 1 अगस्त को इस मामले को दिल्ली की तीस हजारी अदालत में स्थानांतरित करने के आदेश दिए थे.