लखनऊः उत्तर प्रदेश के चर्चित उन्नाव रेप केस में दोषी करार दिए गए कुलदीप सिंह सेंगर की विधानसभा सदस्यता खत्म कर दी गई है. विधानसभा की ओर से जारी अधिसूचना के बाद अब कुलदीप सेंगर विधायक नहीं रहे. इस संबंध में विधानसभा के प्रमुख सचिव प्रदीप कुमार दुबे ने अधिसूचना जारी की. विधानसभा की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक सजा के एलान के दिन से ही उनकी सदस्यता खत्म मानी जाएगी. उनकी सदस्यता 20 दिसंबर 2019 से ही समाप्त मानी जाएगी.
कुलदीप सिंह सेंगर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के टिकट पर बांगरमऊ विधानसभा सीट से जीतकर विधानसभा पहुंचे थे. रेप में सजा के एलान के चार महीना पहले पार्टी ने सेंगर को बाहर का रास्ता दिखा दिया था.
क्या कहा था कोर्ट ने?
सजा सुनाते हुए कोर्ट ने कहा था कि वह जनता के एक सेवक हैं. यह जनता के विश्वास के प्रति किया गया विश्वासघात है. पीड़िता को नुकसान पहुंचाने और चुप कराने के लिए हर संभव कठोर कृत्य किए गए.
कोर्ट ने कहा था कि सभी पहलुओं को देखते हुए दोषी को उम्रकैद की सजा सुनाई जाती है. इसके साथ ही उसपर 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाता है, जिसमें से 10 लाख रुपये पीड़िता को और 15 लाख रुपये अभियोजन को मिलेंगे.
क्या है मामला?
मामला 2017 का है. नाबालिग लड़की ने कुलदीप सेंगर पर रेप का आरोप लगाया था. पीड़िता ने आरोप लगाया कि पुलिस केस दर्ज नहीं कर रही है. न्याय की मांग को लेकर आरोप लगाने वाली लड़की ने सीएम योगी के घर के बाहर आत्मदाह की कोशिश की थी.
उसी महीने की तीन तारीख को पीड़िता के पिता की संदिग्ध परिस्थियों में मौत हो गई थी. पीड़िता ने विधायक कुलदीर सेंगर पर जेल में हत्या कराने का आरोप भी लगाया था.
पीड़िता की हुई मौत
पिछले साल रायबरेली में पीड़िता जब कार से जा रही थी, एक ट्रक ने कार को टक्कर मार दी. इस हादसे में पीड़िता बुरी तरह जख्मी हो गई और उनके दो संबंधियों की मौत हो गई.
पीड़िता को दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया और इस केस की जांच भी सीबीआई को सौंप दी गई. विपक्षी दलों ने कुलदीप सिंह सेंगर पर हादसे की साजिश रचने का आरोप लगाया.
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