नई दिल्ली: 2017 के उन्नाव रेप कांड में विधायक कुलदीप सेंगर को उम्र कैद की सजा दी गई है. दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने सजा सुनाते हुए कहा है कि एक जनप्रतिनिधि के इस तरह के आचरण के लिए उसे अधिकतम सजा दी जानी चाहिए. सेंगर के ऊपर 25 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है.


पूरी ज़िंदगी जेल में


16 दिसंबर को तीस हजारी कोर्ट के सेशन्स जज धर्मेश शर्मा ने सेंगर को बलात्कार और पॉक्सो एक्ट की धाराओं के तहत दोषी करार दिया था. सजा और पीड़िता को मुआवजे को लेकर आज हुई बहस के बाद उन्होंने कहा कि मामला अधिकतम सजा देने लायक है. फैसले में जज ने लिखा है, “एक जनप्रतिनिधि पर लोग विश्वास करते हैं. दोषी ने इस विश्वास को तोड़ा है. घटना के बाद भी उसने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए पीड़िता को मुकदमा वापस लेने के लिए डराया. ऐसे में, उसका अपराध अधिकतम सजा देने लायक हो जाता है. मैं यह फैसला देता हूं कि उसे उसकी बाकी बचे उम्र तक जेल में रखा जाए.''


25 लाख का जुर्माना


जज ने कुलदीप सिंगर के ऊपर 25 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है. इसमें से 10 लाख रुपए पीड़िता को दिए जाएंगे और 15 लाख सीबीआई को मुकदमे से जुड़े खर्च के लिए दिए जाएंगे. गौरतलब है कि पीड़िता को पहले ही यूपी सरकार से 25 लाख रुपए का मुआवजा मिल चुका है. आज के फैसले के बाद जो 10 लाख रुपए दिए जाएंगे, वह पहले दिए गए मुआवजे के अतिरिक्त होगा.


संपत्ति जब्त कर होगी वसूली


कोर्ट ने अपने फैसले में यह भी साफ कर दिया है कि सेंगर को यह पैसे 1 महीने के भीतर देने होंगे. अगर वह यह पैसे नहीं देता तो यूपी सरकार इसे भू-राजस्व चुकाने में हुई कोताही की तरह देखते हुए कार्रवाई करेगी. जज ने लिखा है इस मामले में संपत्ति ज़ब्त कर हर्जाना वसूलने से जुड़े सीआरपीसी की धारा 421 का इस्तेमाल किया जाएगा.


4 और मुकदमों में आना है फैसला


उन्नाव के बांगरमऊ से बीजेपी के टिकट पर चुनाव जीतने वाले कुलदीप सेंगर को पार्टी ने इस साल अगस्त में निष्कासित कर दिया था. अब इस सजा के बाद उसकी विधानसभा सदस्यता भी खत्म हो जाएगी. इस मामले से जुड़े चार और मुकदमे भी सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर दिल्ली में ट्रांसफर किए गए थे. इनमें पीड़िता के साथ हुई दुर्घटना, गैंगरेप, उसके पिता की हिरासत में मृत्यु जैसे मुकदमे शामिल हैं. इन पर भी जल्द ही कोर्ट के फैसला आने की उम्मीद है.