भोपाल: भारतीय एयरफोर्स के विंग कमांडर कुलदीप वाघेला ने खुद को गृह मंत्री अमित शाह बताते हुए राज्यपाल लालजी टंडन को फोन किया. फोन पर उन्होंने राज्यपाल लालजी टंडन को कहा कि वह चंद्रेश शुक्ला को आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय का वीसी बना दें. राज्यपाल लालजी को जब वाघेला पर संदेह हुआ तो इस पूरे मामले की जांच एसटीएफ को सौंपी गई और धोखाधड़ी का मामला सामने आया.


राज्यपाल के सामने डॉ शुक्ला बने गृहमंत्री के पीए


शॉर्टकट अपनाकर वीसी बनने का ख्वाब देख रहे डॉक्टर चंद्रेश शुक्ला ने इस पूरे ट्रेप में गृह मंत्री अमित शाह के पीए की भूमिका निभाई और राज भवन कॉल किया. वाघेला ने अमित शाह बनकर कर कहा कि '' चंद्रेश ने मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति के लिए इंटरव्यू दिया है, इनकी मदद करनी है."


जब लालजी टंडन को इस पर संदेह हुआ तो उन्होंने इस कॉल की जांच करवाई. जिसके बाद मामले की हकीकत सामने आई. विंग कमांडर वाघेला और डॉक्टर चंद्रेश शुक्ला को गिरफ्तार कर लिया गया है. वहीं पुलिस ने धोखाधड़ी और प्रतिरूपण का मामला भी दोनों के खिलाफ दर्ज कर इन्हें 3 दिन की रिमांड पर लिया है.


भोपाल के रहने वाले शुक्ला ने ऐसे रची साजिश


एडीजी एसटीएफ अशोक अवस्थी ने बताया कि धोखाधड़ी करने वाला आरोपी डॉक्टर शुक्ला राजधानी भोपाल के साकेत नगर इलाके में रहता है. शुक्ला ने आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति पद के लिए इंटरव्यू दिया था, शुक्ला पेशे से डेंटल सर्जन है. शुक्ला को अपनी सिफारिश के लिए ऐसे बड़े व्यक्ति की तलाश थी जिसकी बात राज्यपाल भी ना टाल पाए, इसलिए उन्होंने नई दिल्ली में पदस्थ अपने दोस्त कुलदीप वाघेला के साथ मिलकर फर्जी गृहमंत्री बनकर राज्यपाल को फोन मिलाया.


यह पूरा मामला 3 जनवरी का है, शुक्ला ने पहले अपने फोन से वाघेला को जोड़ा उसके बाद कॉन्फ्रेंस कॉल करते हुए राजभवन फोन लगाया. राजभवन में जैसे ही फोन उठाया गया शुक्ला ने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह बात करना चाहते हैं. इसके बाद जैसे ही राज्यपाल लालजी टंडन फोनलाइन पर आए वाघेला ने खुद को अमित शाह बताते हुए डॉक्टर शुक्ला को वीसी बनाने की सिफारिश कर दी.


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