Hizbul Mujahideen Commander Killed: सुरक्षाबलों को जम्मू कश्मीर के कुलगाम में गुरुवार (19 दिसंबर, 2024) को बड़ी सफलता मिली. सुरक्षाबलों ने हिजबुल मुजाहिदीन के एक शीर्ष कमांडर फारूक अहमद भट उर्फ नाली समेत 5 आतंकवादियों को मार गिराया. जम्मू-कश्मीर पुलिस ने मौत की पुष्टि करते हुए कहा कि फारूक घाटी में सबसे लंबे समय तक जीवित रहने वाले आतंकवादियों में से एक था.
फारूक नाली कुलगाम जिले के देसचेन येमरिच इलाके का रहने वाला था और वह A++ श्रेणी का आतंकवादी था, जिसके सिर पर 25 लाख का इनाम था. नाली 2015 में हिजबुल मुजाहिदीन में शामिल हुआ था और 2020 में श्रीनगर में हुई मुठभेड़ में हिज्ब के ऑपरेशन कमांडर सैफुल्लाह की मौत के बाद नाली ने समूह की ऑपरेशनल कमान संभाली थी. 2020 में नवीद बाबू की गिरफ्तारी के बाद उसे हिज्ब का कमांडर इन चीफ नियुक्त किया गया था.
कई आतंकवादी घटनाओं में था शामिल
पुलिस के अनुसार फारूक नाली कई आतंकी घटनाओं में शामिल था और नागरिकों के साथ-साथ सुरक्षाबलों पर कई हमलों के पीछे था, पुलिस ने कहा कि उसकी मौत पुलिस और सुरक्षाबलों के लिए एक बड़ी उपलब्धि है और आज जब नाली मारा गया तब वह इलाके में भर्ती अभियान चला रहा था. नाली के साथ मारे गए सभी आतंकी स्थानीय थे.
देर रात शुरू हुई थी गोलीबारी
इससे पहले जम्मू-कश्मीर पुलिस ने जानकारी दी थी कि कुलगाम जिले के कद्दर इलाके में बुधवार (18 दिसंबर, 2024) देर रात गोलीबारी शुरू हुई. खुफिया जानकारी के आधार पर सेना, सीआरपीएफ और पुलिस ने सुबह-सुबह एक संयुक्त अभियान शुरू किया, जहां कथित तौर पर आतंकवादी एक निजी घर में छिपे हुए थे. सुरक्षाबलों को भांपते ही आतंकवादियों ने जवानों पर गोलीबारी करके घेरा तोड़ने की कोशिश की, जिसके बाद सुरक्षाबलों ने तेजी से उस स्थान की घेराबंदी की और आतंकवाद विरोधी अभियान शुरू किया.
आतंकवादियों की मौजूदगी की मिली थी जानकारी
“19 दिसंबर, 2024 को आतंकवादियों की मौजूदगी के बारे में खुफिया जानकारी के आधार पर, कुलगाम के कद्दर में भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस की ओर से एक संयुक्त अभियान शुरू किया गया. सतर्क सैनिकों ने संदिग्ध गतिविधि देखी और चुनौती दिए जाने पर आतंकवादियों ने अंधाधुंध और भारी मात्रा में गोलीबारी शुरू कर दी. हमारे सैनिकों ने प्रभावी ढंग से जवाबी कार्रवाई की, "सेना के श्रीनगर स्थित चिनार कोर ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा.
अधिकारियों ने कहा कि यह कार्रवाई संपार्श्विक क्षति से बचने और क्षेत्र में नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सटीकता के साथ की गई थी.
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