Kumar Vishvas News: प्रख्यात कवि कुमार विश्वास को लेकर जो सियासी चर्चाएं चल रही थीं, वे फिलहाल सही साबित नहीं हुई हैं. उन्हें भारतीय जनता पार्टी की ओर से राज्यसभा भेजे जाने की चर्चा थी, लेकिन BJP के उम्मीदवारों की लिस्ट में उनका नाम नहीं था. एक दौर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी के आलोचक रहे कुमार विश्वास हाल के दिनों में पीएम मोदी की तारीफ करते दिखाई दिए हैं. दावा किया जा रहा था कि बीजेपी उन्हें राज्यसभा से उम्मीदवार बना सकती है. पार्टी ने रविवार (11 फरवरी)  शाम को 7 राज्यों के राज्यसभा के लिए उम्मीदवारों की सूची जारी की है, लेकिन उसमें कुमार विश्वास का नाम नहीं है. 


'बांसुरी तुम चली आओ'


इसे लेकर अब कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं. कुमार विश्वास का नाम नहीं होने को लेकर सोशल मीडिया पर भी कई तरह की टिप्पणी हो रही हैं. इस पर विश्वास ने हालांकि अभी तक कुछ बोला तो नहीं है लेकिन मंगलवार को उन्होंने एक ट्वीट किया है. इसमें उन्होंने लिखा है, "बांसुरी चली आओ, होठों का निमंत्रण है."





क्या है कुमार विश्वास के पोस्ट के मायने?

भले ही इस ट्वीट में राज्यसभा चुनाव को लेकर कुछ नहीं लिखा गया, लेकिन इसे सांकेतिक माना जा रहा है. इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं कि वह निराशा व्यक्त कर रहे हैं. दरअसल अपनी राज्यसभा उम्मीदवारी को लेकर भी कुमार विश्वास ने कभी कुछ नहीं कहा था. अब इस पोस्ट के जरिए ऐसी अटकलों पर विराम लगाने का संदेश भी उन्होंने दिया है. शांति की बांसुरी बजाने का संकेत देकर.


राज्यसभा भेजे जाने के किए गए थे दावे
दावा किया जा रहा था कि उत्तर प्रदेश से राज्यसभा की 10 सीटों में से किसी एक पर कुमार विश्वास को नामांकित किया जा सकता है. हालांकि जब रविवार को नामों की सूची आई तो इसमें विश्वास का नाम नहीं था. इसके बाद से इस पर बहुत अधिक हलचल नहीं हुई और न ही कुमार विश्वास ने कुछ कहा, लेकिन मंगलवार को उनका ट्वीट सांकेतिक माना जा रहा है. उत्तर प्रदेश में राज्यसभा की 10 में से 7 सीटों पर बीजेपी की जीत पक्की है. जबकि दो सीटों पर समाजवादी पार्टी जीतेगी. अन्य एक सीट पर भी समाजवादी पार्टी की जीत की संभावना अधिक है, लेकिन बीजेपी भी चाहे तो लड़ाई लड़ सकती है. यानी अपना आठवां उम्मीदवार भी उतार सकती है.


क्या अभी भी कुमार विश्वास के लिए है कोई संभावना?


अब अटकलें तेज हो गई हैं कि कुमार विश्वास का नाम या तो यूपी के आठवें राज्यसभा प्रत्याशी के रूप में लाया जा सकता है या फिर उन्हें गाजियाबाद लोकसभा सीट से चुनाव लड़ाया जा सकता है. बहरहाल इस बारे में भी पुख्ता तौर पर किसी ने कुछ कहा नहीं है.


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