महाराष्ट्र के पालघर में साधुओं की मॉब लिंचिंग की घटना पर मशहूर कवि कुमार विश्वास ने दुख और गुस्सा जाहिर किया है. उन्होंने दोषियों को सख्त से सख्त सजा दिए जाने की मांग करते हुए कहा, 'ये घटना महाराष्ट्र सरकार के माथे पर कलंक है.'

कुमार विश्वास ने ट्वीट कर कहा, "पालघर की घटना महाराष्ट्र सरकार के माथे पर कलंक है. छत्रपति महाराज शिवाजी की धरा पर मित्रता-शत्रुता से उपर उठ चुके साधुओं को अगर उन्मादी भीड़ घेरकर मार दें तो यह उस ऐतिहासिक परम्परा पर धब्बा है, जिसमें शत्रुपक्ष की महिलाओं तक को आदर दिया जाता है. दोषियों को सख्त सजा मिले."

https://twitter.com/DrKumarVishwas/status/1251891134235734016

महाराष्ट्र के पालघर में साधुओं को बेरहमी से पीट-पीटकर जान से मार देने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी पालघर में साधुओं की मॉब लिंचिंग मामले में उद्धव ठाकरे से कार्रवाई करने की मांग की है. सीएम योगी ने कहा कि घटना के लिए जिम्मेदार लोगों पर कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए.

उन्होंने ट्वीट कर कहा, "पालघर, महाराष्ट्र में हुई जूना अखाड़ा के संत (स्वामी कल्पवृक्ष गिरि, स्वामी सुशील गिरि) और उनके ड्राइवर नीलेश तेलगड़े की हत्या के संबंध में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से बात की. उनसे घटना के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आग्रह किया."

उधर अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष संत महंत नरेंद्र गिरि ने पालघर में जूना अखाड़ा के दो संतों की पीट-पीट कर हत्या किए जाने की कड़ी निंदा की है. सभी 13 अखाड़ों के साधु-संतों से अनुरोध किया है कि लॉकडाउन के दौरान अगर कोई संत- महात्मा ब्रह्मलीन होता है, तो उसकी समाधि में न जाएं.

लॉकडाउन में हुई मॉब लिंचिंग
पालघर में मॉब लिंचिंग की घटना ऐसे समय पर हुई है जब कोरोना वायरस महामारी के चलते महाराष्ट्र समेत पूरा देश तीन मई तक लॉकडाउन है. लोगों की आवाजाही पूरी तरह से बंद है. ये घटना पालघर जिले के एक गांव में शनिवार को हुई. जूना अखाड़े के दो साधुओं समेत तीन लोगों की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई.

पुलिस ने इस मामले में 110 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. इनमें से 101 आरोपियों को 30 अप्रैल तक पुलिस हिरासत में भेजा गया है. वहीं नौ नाबालिगों को एक किशोर आश्रय गृह भेज गया है.