जींद में कृषि बिल के खिलाफ कुमारी शैलजा ने डीसी कार्यालय में ज्ञापन सौंपा, कहा- किसानों को भ्रमित BJP कर रही है
लोकसभा से पास होने के बाद रविवार को भारी हंगामे के बीच राज्यसभा से भी बिल पास हो गया. पंजाब और हरियाणा में जगह-जगह बिल के विरोध में किसान यूनियन और राजनीतिक दलों द्वारा प्रदर्शन किये जा रहे हैं.
जींद: कृषि विधेयक के खिलाफ हरियाणा में कांग्रेस नेताओं ने सोमवार को राज्यस्तर पर जिला मुख्यालयों पर विरोध प्रदर्शन किया. हरियाणा के जींद में विधेयक के विरोध में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कुमारी शैलजा ने विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया और डिप्टी कमिश्नर ऑफिस जाकर विधेयक के खिलाफ ज्ञापन सौंपा.
एबीपी न्यूज़ से खास बातचीत में कुमारी शैलजा ने विधेयक को लेकर अपना विरोध दर्ज कराते हुए कहा, "हमारा किसान मासूम जरूर है, लेकिन सब समझता है. इन तीन अध्यादेशों को लेकर मैं यह कहना चाहती हूं कि मोदी सरकार केवल धनाढ्य लोगों की सरकार है, बड़े लोगों की सरकार है. निजी हाथों में ये किसान और मजदूर को बेचना चाहते हैं. किसान और मजदूर इस बात को समझता है कि ये सरकार उनके अधिकारों का हनन करना चाहती है."
बीजेपी की ओर से लगातर आरोप लगाया जा रहा है कि तीनों अध्यादेशों में जो बातें हैं वो कांग्रेस के घोषणापत्र में भी थीं, लेकिन अब कांग्रेस विरोध के नाम पर किसानों को भ्रमित कर रही है. इस आरोप के जवाब में कुमारी शैलजा ने कहा, "हमारे घोषणापत्र में 22 बातें कही गई थी. इनको इतना ही शौक है घोषणा पत्र पढ़ने का तो बाकी की 20 बातें भी लागू करते. सबसे गरीब के लिए हमने न्याय योजना लाने की बात की थी. हमारा घोषणा पत्र पढ़ के न्याय योजना क्यों नहीं लागू करते. अब सरकारी एजेंसियां कितना MSP देंगी या कितनी खरीद करेंगी इसके बारे में कुछ मालूम नहीं है. हम कह रहे थे कि आप 70% लोगों को खाद्य कानून के तहत अन्न दीजिये लेकिन वो लागू नहीं करेंगे. हमने कहा था कि हम बड़े गांव में मंडियां खोलना चाहते हैं, लेकिन आपने तो निजी हाथों में बेच दिया किसान को. आप हमारी आड़ लेकर देश को भ्रमित न करें."
बीजेपी पर किसानों को भ्रमित करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा, "किसान और देश को भ्रमित बीजेपी और नरेंद्र मोदी की सरकार कर रही है. अगर आप चाहते तो आप बता सकते थे कि असली एमएसपी के क्या मायने हैं. आप एमएसपी के बारे में ट्वीट कर सकते हैं, लेकिन इस बिल में क्लॉज में नहीं डाल सकते. आपने क्लॉज नहीं डाला तो कानूनी रूप से कैसे लागू कर पाएंगे."
बीजेपी किसानों को समझाने के लिए देशव्यापी किसान संवाद स्थापित करेगी. इस पर जवाब देते हुए कुमारी शैलजा ने कहा, "जब चिड़िया चुग गई खेत. अब क्या संवाद करेंगे? किसानों से मजदूरों से पहले बात करनी चाहिये थी वो आपने की नहीं. ज़ोर ज़बरदस्ती से अलोकतांत्रिक तरीके से ये बिल राज्यसभा में पास कराये हैं, देश माफ नहीं करेगा."
कुमारी शैलजा का कहना है कि कृषि विधेयक को लेकर कांग्रेस का विरोध जारी रहेगा. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी मीटिंग कर रही हैं और हाईकमान का जो आदेश होगा उसे हम आगे ज़मीन तक लेकर जाएंगे. हम हर काले कानून का विरोध करेंगे. राष्ट्रपति को ये ज्ञापन सौंप रहे हैं कि इस तरह के कानून को बिल्कुल लागू मत कीजिये.
गौरतलब है कि लोकसभा से पास होने के बाद रविवार को भारी हंगामे के बीच राज्यसभा से भी बिल पास हो गया. पंजाब और हरियाणा में जगह-जगह बिल के विरोध में किसान यूनियन और राजनीतिक दलों द्वारा प्रदर्शन किये जा रहे हैं.
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