Maha Kumbh 2025: प्रयागराज महाकुंभ में आतंकवाद के थ्रेट परसेप्शन को देखते हुए गृह मंत्रालय ने कैमिकल, बायोलॉजिकल, रेडियोलॉजिकल और न्यूक्लियर अटैक से घायल लोगों के ट्रीटमेंट के लिए 25 विशेषज्ञों की टीम बनाई है.



सरकारी अनुमान के मुताबिक इस बार महाकुंभ में चालीस करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना है. ऐसे में इन श्रद्धालुओं की सुरक्षा व्यवस्था भी सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती है और इस बार इसका  जिम्मा खुद गृह मंत्रालय ने लिया है . गृह मंत्रालय सुरक्षा एजेंसी NIA के माध्यम से महाकुंभ क्षेत्र में आतंकवादी गतिविधियों की रोकथाम पर विशेष सतर्कता बरत रहा है. 


25 विशेषज्ञों को दी गई है नरोरा परमाणु केंद्र से ट्रेनिंग 


नरोरा परमाणु केंद्र से ट्रेनिंग ले कर आए डॉ. जीतेंद्र शुक्ला ने बताया कि गृह मंत्रालय ने एहतियाती तौर पर केमिकल अटैक हो जाने की स्थिति में घायलों का उपचार कैसे होगा इसके लिए भी एक विशेषज्ञ टीम का गठन किया है. कैमिकल अटैक की स्थिति में घायल व्यक्ति रेडियो एक्टिव तत्वों से भी प्रभावित हो सकते हैं. ऐसे में सामान्य सेवाकर्मी घायल की सहायता नहीं कर पाएंगे. इसीलिए गृह मंत्रालय के निर्देश पर अलग-अलग विभागों के कुल 25 सरकारी विशेषज्ञों को नरोरा एटॉमिक पॉवर स्टेशन में ऐसी आपात स्थितियों में घायलों का उपचार करने की ट्रेनिंग दी गई है. 


स्वरूप रानी चिकित्सालय में बन रहे हैं CBRN वार्ड 


नरोरा परमाणु केंद्र में हुई ट्रेनिंग के दौरान अपने-अपने क्षेत्र के विशेषज्ञों को सिखाया गया कि किस प्रकार रेडियो एक्टिविस्ट तत्वों से प्रभावित व्यक्ति को रेडियो एक्टिविस्ट मुक्त करना है ताकि ट्रीटमेंट करने वाला या बाकी कोई तीसरा इससे इफेक्टिव ना होने पाए. गृह मंत्रालय की इस केमिकल अटैक ट्रीटमेंट टीम की अध्यक्ष वत्सला मिश्रा ने एबीपी न्यूज को बताया कि रेडियो एक्टिव पदार्थों से प्रभावित व्यक्ति को रेडियो एक्टिव मुक्त करने के लिए आवश्यक मशीनों और ट्रीटमेंट सेंटर को जल्द स्टैब्लिश करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. 


एसआरएन में बनाए जा रहे हैं CBRN वार्ड


प्रयागराज के सबसे बड़े सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की प्रिंसिपल प्रो. वत्सला मिश्रा ने बताया कि केमिकल अटैक जैसे आपात स्थिति के लिए स्वरूप रानी नेहरू चिकित्सालय में तीन बड़े वार्ड को सभी जरूरी मेडिकल मशीनों और बेड आदि सुविधाओं से लैस करके ख़ाली रखा जाएगा.


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