Cheetah Project: कूनो नेशनल पार्क में चीतों को मिलेंगे नए साथी, 18 फरवरी को आएंगे 12 नए चीते
Kuno National Park: दक्षिण अफ्रीका से हुए करार के मुताबिक अगले 10 सालों तक हर साल 10 से 12 चीते भारत लाए जाएंगे.
Cheetah Project: कूनो नेशनल पार्क में चीतों को नए साथी मिलेंगे. विलुप्त हो चुके चीतों को हिंदुस्तान में वापस बसाने की मुहिम आगे बढ़ने वाली है. इसके दूसरे चरण में 12 और चीतों को भारत लाया जा रहा है. इस बार सभी चीते दक्षिण अफ्रीका से आने वाले हैं.
पिछले साल 17 सितंबर को अपने जन्मदिन के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को जो सौगात दी थी उसमें अब एक और अध्याय जुड़ने वाला है. उस दिन जब पीएम मोदी ने नामीबिया से आए 8 चीतों को मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में आज़ाद छोड़ा था तो देश के वन्य जीवन के इतिहास में एक नए युग की शुरुआत हुई थी. अब इन चीतों को नया दोस्त मिलने जा रहा है. इसका ऐलान करते हुए केंद्रीय वन और पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि पीएम मोदी के विजन और प्रयासों का नतीजा अब दिखने लगा है.
रवाना हुआ विशेष विमान
प्रोजेक्ट चीता के तहत 18 फरवरी को कूनो नेशनल पार्क में 12 नए चीतों को छोड़ा जाएगा. इस बार सभी चीते दक्षिण अफ्रीका से लाए जा रहे हैं. इनमें 7 नर चीता हैं, जबकि 5 मादा चीता शामिल हैं. इन 12 चीतों के आगमन के बाद अब पार्क में चीतों की कुल संख्या 20 हो जाएगी. चीता प्रोजेक्ट के प्रमुख एसपी यादव ने एबीपी न्यूज़ को बताया कि इन चीतों को भारत लाने के लिए वायु सेना के विशेष विमान ने आज सुबह हिंडन एयरबेस से उड़ान भरी.
कब चीते पहुंचेंगे?
यादव ने बताया कि दक्षिण अफ्रीका से इन 12 चीतों को लेकर विशेष विमान 18 फरवरी को सुबह 10 बजे ग्वालियर एयर बेस पहुंचेगा. यहां कुछ औपचारिकताएं पूरी करने के बाद चीतों को हेलीकॉप्टर से सुबह 11 बजे के करीब कूनो नेशनल पार्क लाया जाएगा. हालांकि इस बार इन चीतों की आगवानी करने पीएम मोदी मौजूद नहीं रहेंगे. इस बार चीतों के स्वागत के लिए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, वन और पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया समेत कई अन्य लोग मौजूद रहेंगे.
एस पी यादव ने क्या कहा?
यादव के मुताबिक, पिछली बार लाए गए आठों चीते तेजी से स्थानीय वातावरण के अनुसार ढल रहे हैं, उन्होंने बताया कि एक को छोड़ कर बचे हुए सभी चीते पूरी तरह स्वस्थ है. शाशा नाम की एक मादा चीता की तबियत थोड़ी ख़राब हुई थी, लेकिन इलाज के बाद अब वो ठीक हो रही है. उन्होंने आगे बताया कि सभी चीते 3-4 दिनों में एक बार प्राकृतिक तौर पर अपने खाने के लिए शिकार कर रहे हैं जो उनके वातावरण में ढलने का एक बड़ा संकेत है.
हर साल आएंगे 10-12 चीते
एस पी यादव ने एबीपी न्यूज़ को बताया कि दक्षिण अफ्रीका से हुए करार के मुताबिक अगले 10 सालों तक हर साल 10 से 12 चीते भारत लाए जाएंगे. उन्होंने बताया कि सरकार की पहली कोशिश कूनो नेशनल पार्क में 40 से ज्यादा चीज को प्राकृतिक तौर पर बसाना है. इतनी संख्या का मतलब होता है कि अब उस जंगल में चीतों का प्राकृतिक निवास हो गया है. हालांकि सरकार ने अभी यह नहीं बताया है कि आम लोग कब तक इन चीतों को जंगल में जाकर देख सकेंगे.
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