Kuno National Park: मध्य प्रदेश में श्योपुर जिले के पालपुर कूनो अभयारण्य में दक्षिण अफ्रीका के चीतों को 15 अगस्त तक लाने की तैयारियों को धक्का लगा है. खबर ये है कि चीतों को लाने में अब दो हफ्ते की देरी और होगी. देरी की ये वजह है कि दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति और भारतीय उच्चायोग के बीच अभी दस्तावेज पर दस्तखत नहीं हुये हैं. जिससे इस प्रोजेक्ट में देरी हो रही है.


दक्षिण अफ्रीका, नामीबिया से चीतों को लाया जा रहा
दुनिया में ये अनूठा प्रयोग है कि अफ्रीका महाद्वीप से एशिया महाद्वीप में चीतों को बसाया जा रहा है. दक्षिण अफ्रीका और नामीबिया से चीतों को लाया जा रहा है. दक्षिण अफ्रीका से सात नर और पांच मादा चीतों को तो नामीबिया से चार नर और चार मादा चीतों को भारत आने की सहमति बन गई है.


मध्य प्रदेश के वन विभाग की ओर से पालपुर कूनो में चीतों को रखने के पूरे इंतजाम कर लिये गये हैं. यहां पर बडे-बडे एनक्लोजर बनाये गये हैं. जहां पर नर और मादा को अलग-अलग रखा जायेगा. फिलहाल परेशानी यही है कि इन इनक्लोजर में तेदुओं ने अपना घर बना लिया था. जिसमें से कुछ तेदुओं को पकड़ लिया गया है तो एक दो को पकड़ना अभी बाकी है. तेदुओं को पिंजरे लगाकर पकडा जा रहा है. ये तेदुएं नहीं पकडे गये तो नये मेहमानों को परेशानी पैदा करेंगे.


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दिल्ली से वायुसेना के हेलीकॉप्टर से लाया जाएगा
दक्षिण अफ्रीका से चीतों को लाने के लिये खास तैयारी की गयी है. जोहान्सबर्ग से पिंजड़ों में चीतों को दिल्ली लाया जायेगा. उसके बाद इनको वायुसेना के हेलीकॉप्टर से सीधे कूनो में बने हेलीपैड में उतार दिया जायेगा. वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी जेएस चौहान का कहना है कि चीते अगस्त महीने में ही आयेंगे मगर किस तारीख का आयेंगे ये बताना संभव नहीं है.


चीतों के आने, जाने और रहने का पूरा प्लान तैयार है. ये मध्य प्रदेश के लिये बड़ी सौगात है. वैसे ये पालपुर कूनो अभयारण्य गुजरात के शेरों के लिये विकसित किया गया था. मगर गुजरात के अडने से अब चीतों से ये गुलजार होगा.


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