TMC leader Abhishek Banerjee: पश्चिम बंगाल की मंत्री बीरबाहा हांसदा की गाड़ी पर शुक्रवार (26 मई) को पश्चिम मेदिनीपुर जिले में हमला किया गया. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि कुर्मी समुदाय के सदस्यों ने तृणमूल कांग्रेस (TMC) के महासचिव अभिषेक बनर्जी के काफिले पर कथित तौर पर पथराव किया और इस काफिले में मंत्री की गाड़ी भी शामिल थी.


यह घटना सालबोनी में हुई जहां मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शनिवार (27 मई) को पार्टी के एक कार्यक्रम में शामिल होने वाली हैं. पार्टी के एक नेता ने बताया कि 'जेड प्लस' सुरक्षा प्राप्त अभिषेक बनर्जी ने अपने तृणमूल नबो ज्वार (तृणमूल में नई लहर) अभियान के तहत झारग्राम के बिनपुर और गोपीबल्लवपुर में एक रोड शो किया.


'मंत्री की गाड़ी का शीशा टूटा'


उन्होंने बताया कि रैली के बाद जब वह सालबोनी से गुजर रहे थे, तब अनुसूचित जनजाति (ST) दर्जे की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे कुर्मी समुदाय के सदस्य सड़क के दोनों ओर एकत्र हो गए. उन्होंने कहा, "जैसे ही उनकी कार आगे बढ़ी, उन्होंने रोड शो में कथित तौर पर पथराव शुरू कर दिया. हमले में काफिले में शामिल हांसदा का वाहन भी क्षतिग्रस्त हो गया."


'भेजा गया पुलिस बल'


अधिकारियों ने कहा कि स्थिति को नियंत्रित करने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस बल मौके पर भेजा गया है. यह तत्काल पता नहीं चल सका है कि इस सिलसिले में किसी को गिरफ्तार किया गया है या नहीं. वहीं, घटना की निंदा करते हुए हांसदा ने कहा कि हिंसा कभी भी लोकतांत्रिक विरोध का रूप नहीं हो सकती. उन्होंने कहा, "यह किसी समुदाय के अधिकारों की लड़ाई कभी नहीं हो सकती. जिन लोगों ने पत्थर फेंके वे सभी बाहरी हैं, और हिंसा को सही ठहराने के लिए एक विशिष्ट समुदाय के सदस्य होने का दावा कर रहे हैं."


कुर्मी समुदाय के सदस्यों ने मंगलवार को बांकुरा में अभिषेक बनर्जी से मुलाकात की थी और उनसे अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की उनकी मांग पर गौर करने का आग्रह किया था. डायमंड हार्बर के टीएमसी सांसद ने उन्हें धैर्यपूर्वक सुना और कहा कि उनकी मांगों के लिए लोकतांत्रिक विरोध प्रदर्शन करना उचित था.


पश्चिम मेदिनीपुर के खड़गपुर में पिछले हफ्ते बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष के घर में कुर्मी संगठन के सदस्यों ने समुदाय के खिलाफ उनकी टिप्पणियों को लेकर कथित तौर पर तोड़फोड़ की गई थी. कुर्मी समुदाय को वर्तमान में ओबीसी के रूप में वर्गीकृत किया गया है. इस समुदाय ने अप्रैल में दक्षिण दिनाजपुर, पुरुलिया, झारग्राम और पश्चिम मेदिनीपुर सहित राज्य के विभिन्न जिलों में एसटी दर्जे की मांग को लेकर कई दिनों तक विरोध प्रदर्शन किया था.


मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) नेता सुजान चक्रवर्ती ने कहा कि टीएमसी नेतृत्व को आत्मनिरीक्षण करना चाहिए कि राज्य में इस तरह के विरोध प्रदर्शन क्यों हो रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि कई मुद्दों को लेकर लोगों में गुस्सा है. उन्होंने कहा, "यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि भारी सुरक्षा व्यवस्था के बावजूद इस तरह के विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं."


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