कुवैत की संसद में पेश होगा 'अप्रवासी कोटा बिल', आठ लाख भारतीयों के सामने खड़ी होगी बड़ी मुसीबत
बिल में विदेशियों की संख्या सीमित करने का प्रस्ताव है. इसमें भारतीयों की संख्या को 15 फीसदी तक रखने का प्रावधान किया गया है. अगर बिल कानून बना तो भारत के 8 लाख नागरिकों को कुवैत छोड़कर लौटना पड़ेगा.
नई दिल्लीः दुनिया में कच्चे तेल के सबसे बड़े भंडार में से एक कुवैत में एक ऐसा बिल संसद में पेश होने जा रहा है, जो वहां रहने वाले भारतीय लोगों के लिए मुश्किल खड़ी कर सकता है. कुवैत की सरकार अपने देश में भारतीय समुदाय के लोगों की संख्या घटाने पर विचार कर रही है. इसके लिए संसद में 'अप्रवासी कोटा बिल' पेश किया जा रहा है, जिसके तहत कुवैत में रह रहे भारतीयों की संख्या को सिर्फ 15 फीसदी तक कर दिया जाएगा. अगर ऐसा होता है तो खाड़ी देश में रह रहे आठ लाख से ज्यादा भारतीयों को कुवैत छोड़ना पड़ सकता है.
कुवैत में 14.5 लाख भारतीय
जानकारी के मुताबिक, कुवैत में विदेशियों की संख्या सीमित करने का कानून बनाने पर विचार कर रहा है. कुवैत की कानूनी और विधायी समिति ने विदेशी कोटा बिल को मंजूरी दे दी है, जिसके तहत विदेशियों की संख्या सीमित करने का प्रस्ताव रखा गया है. इसमें भारतीयों की संख्या को 15 फीसदी तक रखने का प्रावधान किया गया है.
कुवैत में इस वक्त करीब 14.5 लाख भारतीय समुदाय के लोग रहते हैं और अगर कुवैत की संसद से ये बिल पास होकर कानून बनता है, तो भारत के 8 लाख नागरिकों को कुवैत छोड़कर लौटना पड़ेगा.
43 लाख की आबादी में 70 फीसदी विदेशी
कुवैत की कुल 43 लाख की जनसंख्या में से 30 लाख के करीब विदेशी ही हैं और इनमें सबसे बड़ी संख्या भारतीय नागरिकों की है. इसके अलावा अन्य देशों के नागरिक भी वहां काम के सिलसिले में रह रहे हैं. कुवैत में काफी वक्त से इस बिल को पेश करने पर विचार चल रहा था, लेकिन कोरोना संकट के कारण इसे टाल दिया गया था.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, कुवैत के प्रधानमंत्री ने हाल ही में देश में मौजूद 70 फीसदी विदेशियों की संख्या को घटाकर 30 फीसदी तक लाने का प्रस्ताव रखा था. अपने देश में ही अल्पसंख्यक स्थिति में पहुंचने और अपने नागरिकों को बेहतर रोजगार के अवसर देने के लिए कुवैत में ये कदम उठाया जा रहा है.
ये भी पढ़ें