Supreme Court Judge: सुप्रीम कोर्ट को दो नए जज मिले हैं- प्रशांत कुमार मिश्रा और केवी विश्वनाथन. इनमें प्रशांत कुमार मिश्रा (Prashant Kumar Mishra) आंध्र प्रदेश के चीफ जस्टिस थे जबकि केवी विश्वनाथन बार से पदोन्नत करके सुप्रीम कोर्ट के जज बने हैं, यानी वरिष्ठ वकील से सीधे सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति हुई है.
केवी विश्वनाथन के नाम की सिफारिश सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने जज बनाने के लिए की थी, जिसे केंद्र सरकार ने मंजूर कर लिया. शुक्रवार (19 मई) को केवी विश्वनाथन ने सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में शपथ ली. जों की वरिष्ठता सूची के हिसाब से केवी विश्वनाथन 2030 में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस बनेंगे.
सुप्रीम कोर्ट के वर्तमान वरिष्ठता क्रम के आधार पर मौजूदा मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के बाद जस्टिस संजीव खन्ना, बीआर गवई, सूर्या कांत, बीवी नागरत्ना, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेपी पारदीवाला के बाद जस्टिस केवी विश्वनाथन का नंबर आएगा.
खास लिस्ट में शामिल हुए जस्टिस विश्वनाथन
इसी के साथ विश्वनाथन उन वकीलों की विशिष्ट सूची में शामिल हो गए हैं, जो बार से सीधे सुप्रीम कोर्ट के जज बनने के बाद देश के मुख्य न्यायाधीश बनेंगे. अभी तक सिर्फ दो चीफ जस्टिस इस तरह से बने हैं. जस्टिस एसएम सीकरी देश के पहले ऐसे सीजेआई थे, जो बार से सीधे प्रमोट करके सुप्रीम कोर्ट के जज बने थे. जस्टिस यूयू ललित का इस लिस्ट में दूसरा नंबर था. सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा न्यायाधीश पीएस नरसिम्हा तीसरे सीजेआई होंगे, जिन्हें बार से सीधे सुप्रीम कोर्ट की पीठ में शामिल किया गया है.
अब तक ये वकील बन चुके सीधे सुप्रीम कोर्ट जज
सुप्रीम कोर्ट से पहले 9 वरिष्ठ वकील सीधे सुप्रीम कोर्ट जज बन चुके हैं. इनमें जस्टिस एसएम सीकरी, एससी रॉय, कुलदीप सिंह, संतोष हेगड़े, रोहिंटन फली नरीमन, यूयू ललित, एल नागेश्वर राव, इंदु मल्होत्रा और पीएस नरसिम्हा सीधे वकील से सुप्रीम कोर्ट की पीठ में शामिल हुए थे. इन 9 जजों में 2 सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस बन चुके हैं, जबकि एक पीएस नरसिम्हा आगे सीजेआई बनेंगे.
कौन हैं जस्टिस केवी विश्वनाथन ?
केवी विश्वनाथन का जन्म 26 मई, 1966 को तमिलनाडु में हुआ था. सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में उनका सेवा काल 25, 2031 तक होगा. कॉलेजियम ने अपनी अनुशंसा में कहा है कि भारत के प्रधान न्यायाधीश के रूप में जेबी पारदीवाला के रिटायर होने पर, केवी विश्वनाथन 25, 2031 को अपनी सेवानिवृत्ति तक सीजेआई के लिए पद संभालने की कतार में होंगे.
विश्वनाथन ने कोयम्बटूर लॉ कॉलेज, भरथियार विश्वविद्यालय से पांच साल की एकीकृत कानून की डिग्री पूरी की थी और 1988 में बार काउंसिल ऑफ तमिलनाडु में दाखिला लिया था. शीर्ष अदालत में दो दशकों से अधिक समय तक वकालत करने के बाद, विश्वनाथन को 2009 में एक वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित किया गया था.
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