गांधी के अपमान के बाद BJP मंत्री ने वापस लिया बयान
अंबाला: खादी ग्राम उद्योग के कैलेंडर और डायरी पर छपी पीएम नरेंद्र मोदी की तस्वीर का विवाद अभी ठंडा भी नहीं हुआ था कि हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने विवादास्पद बयान दिया है. विज ने महात्मा गांधी का अपमान करते हुए कहा कि जिस दिन से गांधी की तस्वीर नोट पर छपी है तभी से नोटों की वैल्यू गिर गई है. हरियाणा कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने अब अपना विवादित बयान वापस ले लिया है. उन्होंने कहा कि लोगों की भावनाओं को ठेस न पहुंचे इसलिए बयान वापस लिया है. ये मेरा निजी बयान है.
बीजेपी नेता अनिल विज हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री हैं. विज ने अंबाला में पत्रकारों के एक सवाल के जवाब में यह बातें कही.
अनिल विज ने कहा, ‘’महात्मा गांधी ऐसा नाम है जो, जिस दिन से नोट पर चिपका है, उस दिन से नोट की वैल्यू गिरनी शुरू हो गई. विज ने ये भी कहा कि गांधी जी धीरे-धीरे नोट से भी हटाए जाएंगे.’’ विज ने कहा, ‘’खादी गांधी के नाम से पेटेंट नहीं है और खादी के साथ गांधी का नाम जुड़ने से खादी उठने की जगह डूब गई है.’’ विज ने कहा कि मोदी ज्यादा बड़े ब्रांड हैं. मोदी की तस्वीर कैलेंडर में छपते ही खादी की बिक्री में 14 % का इजाफा हुआ है.
विज ने ट्वीट कर वापस लिया बयान
विज ने ट्वीट किया कि महात्मा गांधी पर दिया बयान मेरा निजी बयान हैं. किसी की भावना को आहत ना हो, इसलिए मैं इसे वापस लेता हूं.
महात्मा गांधी पर दिया ब्यान मेरा निज़ी ब्यान है । किसी की भावना को आहत न करे इसलिए मैं इसे वापिस लेता हूँ ।
— ANIL VIJ Minister (@anilvijminister) January 14, 2017
खट्टर ने किया बयान से किनारा
विवाद बढ़ते ही हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने भी विज के बयान से किनारा करते हुए कहा, ‘’अनिल विज प्रदेश के बड़े नेता है. विज के बयान से पार्टी का कोई संबंध नहीं है. यह उनका व्यक्तिगत विचार है.’’ खट्टर ने आगे कहा, ‘’गांधी देश के आदर्श हैं. गांधीजी के कारण रुपये में गिरावट नहीं आई. मोदी जी का चरखा चलाना एक प्रतीक के रूप में है, इसका मतलब ये नहीं कि कोई गांधीजी को रिप्लेस कर रहा है.’’
क्या है विवाद ?
प्रधानमंत्री मोदी की एक तस्वीर ताज़ा विवाद की वजह बनी है. ये तस्वीर खादी ग्राम उद्योग का कैलेंडर है और डायरी है. दोनों पर ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नज़र आ रहे हैं. आमतौर यहां राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ही नज़र आते रहे हैं क्योंकि, खादी की पहचान बापू ने ही दिलायी थी, विपक्ष ने इस पर आपत्ति जताई है.