Weather Update: भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, इस साल भारत में ला नीना की वजह से कड़ाके की सर्दी पड़ सकती है. उम्मीद की जा रही है कि इस बार ला नीना सितंबर में एक्टिव हो सकता है. इस वजह से दिसंबर के मध्य से जनवरी तक कड़ाके की ठंड पड़ सकती है. ला नीना की वजह से आमतौर पर तापमान में गिरावट आती है. इसके अलावा सर्दियों में बारिश भी ज्यादा होती है. 


बता दें कि ला नीना का स्पेनिश में अनुवाद होता है एक लड़की. ला नीना के दौरान,पूर्वी धाराएँ समुद्र के पानी को पश्चिम की ओर धकेलती हैं, जिस वजह से समुद्र की सतह ठंडी हो जाती है. इस वजह से सर्दियों में कड़ाके की सर्दी पड़ती है और ज्यादा बारिश होती है. 


सितंबर और नवंबर के बीच एक्टिव हो सकता है ला नीना 


IMD के अनुमान के अनुसार, ला नीना के सितंबर और नवंबर के बीच विकसित होने की संभावना 66 प्रतिशत है. वहीं, इसके सर्दियों बने रहने की संभावना 75 प्रतिशत से ज्यादा है. भारत में मानसून का मौसम 15 अक्टूबर तक समाप्त हो जाता है. इस बार ला नीना की स्थिति में देरी की वजह से दक्षिण-पश्चिम मानसून पर इसका प्रभाव बेहद कम रहा है. हालांकि ये अक्टूबर के अंत से दक्षिण भारत में आने वाले उत्तर-पूर्वी मानसून को प्रभावित कर सकता है. 


पड़ सकती है कड़ाके की सर्दी


ला नीना की वजह से समुद्र की सतह और उसके ऊपर के वायुमंडल दोनों ठंडे हो जाते हैं. इस बार ला नीना देरी से एक्टिव होगा. ला नीना इस बार  सितंबर और नवंबर के बीच एक्टिव हो सकता है. ऐसे में भारत में  दिसंबर के मध्य से जनवरी तक कड़ाके की ठंड पड़ सकती है.  IMD के अनुसार,  ला नीना में देरी की वजह से इसका असर मानसून पर नहीं पड़ा है, लेकिन सर्दियों से पहले एक्टिव होने की वजह से पूरे भारत में कड़ाके की सर्दी पड़ सकती है.