बेंगलुरु: कर्नाटक के मजदूरों को कर्नाटक के लोगों ने ही राज्य की सीमा से लौटा दिया. यह मजदूर महाराष्ट्र में फंसे थे. महाराष्ट्र के कोल्हापुर में करीब 60 मजदूर लॉकडाउन के दौरान फंस गए. जो अपने राज्य में जाने के लिए बहुत दिनों से मशक्कत कर रहे थे. आखिरकार जब महाराष्ट्र सरकार ने उनकी सुनी तो इन मजदूरों के सामने उन्हीं के राज्य के लोगों ने दिक्कत खड़ी कर दी.


कोल्हापुर में कर्नाटक के फंसे 60 मजदूरों को महाराष्ट्र सरकार ने उनके राज्य में भेजने की व्यवस्था की. कर्नाटक की सीमा पर मौजूद गांव के लोगों को जब इस बात का पता चला की ये है तो कर्नाटक के लेकिन महाराष्ट्र से आए हैं तो कर्नाटक के मजदूरों को उनके ही लोगों ने राज्य के अंदर लेने से मना कर दिया.


महाराष्ट्र सरकार ने इन मजदूरों को कर्नाटक के बॉर्डर तक छोड़ने के लिए बसों का इंतजाम किया था. इन 60 लोगों में महिला, पुरुष, वृद्ध और बच्चे सब शामिल थे. लेकिन जब यह लोग कर्नाटक बॉर्डर से अपने राज्य में प्रवेश कर रहे थे तो इन्हें कर्नाटक के लोगों ने लौटा दिया और मजबूरन इन मजदूरों को फिर से महाराष्ट्र बॉर्डर की तरफ लौटना पड़ा.


फिलहाल महाराष्ट्र में फंसे कर्नाटक के यह मजदूर फिर से महाराष्ट्र में लौट आए हैं और कोल्हापुर के गांव शिरदवाड़ के स्कूल मे इनके रहने खाने की व्यवस्था की गई है. दरअसल महाराष्ट्र में कोरोना के सबसे ज्यादा संक्रमित लोग मौजूद हैं और अन्य राज्यों के लोगों को डर है कि अगर महाराष्ट्र से कोई उनके राज्य में कोरोना संक्रमित आता है तो उनके इलाके में कोरोना का खतरा और बढ़ सकता है.


इसी को देखते हुए राज्य के लोग महाराष्ट्र से आए लोगों को अपनी सीमा में लेने से कतरा रहे हैं. लेकिन सवाल यह है कि ऐसे मजदूर जो बड़े-बड़े शहरों में फंसे हैं अगर वह अपने गांव पहुंचते हैं और गांव के लोग ही उन्हें गांव में लेने से नकारते हैं तो फिर वह जाएं तो जाएं कहां. इस पर राज्य सरकारों और स्थानीय प्रशासन को ध्यान देने की जरूरत है.


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