नई दिल्ली: किसान और मजदूर संगठन मोदी सरकार के खिलाफ आज दिल्ली में बड़ा प्रदर्शन कर रहे हैं. इस प्रदर्शन में लेफ्ट के किसान संगठन के अलावा किसान सभा और खेत मजदूर यूनियन से जुड़े लोग शामिल हैं. इस रैली में किसानों के साथ-साथ मजदूर भी शामिल हुए हैं.
इस विरोध प्रदर्शन के जरिए सरकार से मजदूरों को 18 हजार न्यूनतम वेतन देने की मांग की गई है. इसके अलावा किसानों का कर्ज माफ करने, फसल की लागत खर्च का डेढ़ गुना दाम देने जैसे मांग की गई है. किसानों और मजदूरों की ये रैली रामलीला मैदान से शुरू होते हुए संसद मार्ग तक जाएगी, जहां पर संसद घेराव की योजना है.
क्या मांगे कर रहे हैं किसान और मजदूर?
ठेका कर्मियों को उसी स्थान पर पक्का किया जाए
रोजगार के अवसर बढ़ाए जाएं
किसानों को फसल की लागत से 50 प्रतिशत अधिक दाम मिलें
भूमि सुधार कर सभी भूमिहीन को जमीनें मिले. सभी के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, मकान व समाजिक सुरक्षा मिले
श्रम कानूनों में मजदूर विरोधी फेर बदल करना बंद करने की मांग की है
पेट्रोज, डीजल व रसोई गैस की कीमतें कम करने की भी मांग की गई.
जबरन भूमि अधिग्रहण पर लगाम लगाने की मांग
घरेलू कामगारों की समाजिक सुरक्षा के लिए कानून बने.
रिक्शा, टेम्पू चालकों व असंगठित क्षेत्र रेहड़ी-पटरी, फुटपाथ की सभी दुकानों को उजाड़ना व उत्पीड़न बंद हो.
असंगठित क्षेत्र का सर्वे कर लाइसेंस व सामाजिक सुरक्षा देने की मांग
झुग्गी, मजदूर बस्तियों और गांवों में बिजली, पानी, गंदे पानी की निकासी, सड़क, सीवर आदि सभी नागरिक सुविधाएं देने जैसी मांगे
मांग पूरी नहीं हुई तो तेज होगा आंदोलन
अखिल भारतीय किसान सभा के अध्यक्ष अशोक धावले ने कहा, ''यह रैली मोदी सरकार की जन विरोधी नीतियों के खिलाफ है. हर मज़दूर को 18 हज़ार न्यूनतम वेतन दिया जाए. सभी किसान का कर्ज माफ हो.
किसान को लागत खर्चे पर डेढ़ गुना दाम मिलना चाहिए. यह रैली रामलीला मैदान से शुरू हुई है और संसद मार्ग की ओर जाएगी.''
उन्होंने कहा, ''करीबन 4-5 लाख लोग देश भर से यहां आए हैं, हर राज्य से यहां आए हैं. सरकार इन मांगों को पूरी नही करती तो संघर्ष और तीव्र होगा. चुनावी साल का मुद्दा नही है, बीते 4 साल से यह संघर्ष चलता आ रहा है.''