महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में रेल की पटरियों पर सो रहे 16 प्रवासी मजदूरों की मालगाड़ी की चपेट में आने से मौत हो गई. बेहद दर्दनाक इस घटना के बाद देश के प्रवासी मजदूरों की स्थिति को लेकर जो सवाल उठ रहे थे उन पर और भी ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है. इस घटना के बारे में 10 पॉइंट में जानें कि क्या हुआ और कैसे हुआ.
. मध्य महाराष्ट्र के जालना से भुसावल की ओर पैदल जा रहे मजदूर अपने गृह राज्य मध्य प्रदेश लौट रहे थे.
. पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि करमाड पुलिस थाने के तहत आने वाले क्षेत्र में सुबह सवा पांच बजे ये घटना हुई.
. मजदूर रेल की पटरियों के किनारे चल रहे थे और थकान के कारण पटरियों पर ही सो गए थे. करमाड से करीब 40 किलोमीटर दूर जालना से आ रही मालगाड़ी पटरियों पर सो रहे इन मजदूरों पर चढ़ गई.
. पुलिस अधिकारी संतोष खेतमलास ने बताया कि जालना में एक इस्पात फैक्ट्री में काम करने वाले मजदूर बीती रात पैदल ही अपने गृह राज्य की ओर निकल पड़े थे. वे करमाड तक आए और थककर पटरियों पर सो गए. ये श्रमिक जालना के एक स्टील उत्पादन संयंत्र में काम करते थे. जालना मध्य महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले के पड़ोस में है
. इस हादसे में 16 मजूदरों की मौत हो गई जबकि समूह के साथ चल रहे चार मजदूर जिंदा बच गए क्योंकि वे रेल की पटरियों से कुछ दूरी पर सो रहे थे.
. कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लगाए लॉकडाउन के कारण ये प्रवासी मजदूर बेरोजगार हो गए थे और अपने घर जाना चाहते थे. ये लोग पुलिस से बचने के लिए रेल की पटरियों के किनारे पैदल चल रहे थे.
. हादसे के बाद रेल की पटरियों पर मजदूरों का थोड़ा बहुत सामान बिखरा पड़ा दिख रहा था. साफ था कि वो अपने घर जाने के सफर के लिए निकले थे लेकिन ये उनका आखिरी सफर बन गया.
. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना पर शुक्रवार को दुख जताया और कहा कि हरसंभव सहायता मुहैया कराई जा रही है. प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया कि महाराष्ट्र के औरंगाबाद में रेल दुर्घटना में लोगों के मारे जाने से बहुत दुखी हूं, रेल मंत्री पीयूष गोयल से बात की है और वह स्थिति पर करीबी नजर रख रहे हैं.
. महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश सरकार ने मृतकों के परिवारों को वित्तीय मदद देने की घोषणा की है. मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने मृतकों के परिजनों को 5 लाख रुपये के मुआवजे का एलान किया है.
. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने औरंगाबाद में ट्रेन हादसे का शिकार हुए श्रमिकों की मौत पर दुख व्यक्त करते हुए प्रत्येक पीड़ित परिवार को पांच-पांच लाख रुपये की मुआवजा देने की घोषणा की है.