नई दिल्ली: करीब ढाई महीने बाद भारत और चीन के कोर कमांडर्स एलएसी पर तनाव खत्म करने के लिए एक बार फिर आज मिलने जा रहे हैं. ये मुलाकात एलएसी से सटे मोल्डो में चीन की तरफ होगी. पिछले आठ महीने से पूर्वी लद्दाख से सटी एलएसी पर चल रहे टकराव में ये नौवें दौर की वार्ता है. आखिरी मीटिंग पिछले साल 6 नवंबर को हुई थी.
जानकारी के मुताबिक, रविवार को भारतीय सेना की तरफ से लेह स्थित 14वीं कोर (फायर एंड फ्यूरी कोर) के कमांडर, लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन नेतृत्व करेंगे, जबकि चीन की तरफ से पीएलए-सेना के दक्षिणी झिंगज्यांग डिस्ट्रिक के कमांडर नेतृत्व करेंगे. चीन के कहने पर ये मीटिंग बुलाई गई है, जो एलएसी पर चीन के मोल्डो बीपीएम-हट में होगी. मीटिंग का एजेंडा डिसइंगेजमेंट और डि-एस्कलेशन होगा यानी दोनों देशों के सैनिक एलएसी से पीछे हट जाएं और सैनिकों की तादाद भी कम कर दी जाए.
हालांकि, आठ दौर की बैठकों के बाद भी जब भारत और चीन के बीच टकराव खत्म नहीं हुआ था तो कोर कमांडर स्तर की बैठक लगभग बंद हो गई थी. हालांकि, दोनों देशों के राजनयिक जरूर तनाव खत्म करने के लिए मुलाकात कर रहे थे. लेकिन एक बार फिर कोर कमांडर स्तर की मीटिंग रविवार को होने जा रही है.
आपको बता दें कि पिछले साल यानी मई 2020 से पूर्वी लद्दाख से सटी 826 किलोमीटर लंबी लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल यानी एलएसी पर चीनी सेना ने कोरोना महामारी के दौरान कई जगह पर घुसपैठ करने की कोशिश की थी. इस दौरान गलवान घाटी में दोनों देशों की सेनाओं के बीच हिंसक-झड़प भी हुई, जिसमें भारत के 20 सैनिक वीरगति को प्राप्त हुए थे. चीनी सेना को भी इस झड़प में भारी नुकसान उठाना पड़ा था. इसके अलावा हॉट-स्प्रिंग, गोगरा और फिंगर एरिया में भी चीनी सैनिकों ने घुसपैठ करने की कोशिश की. फिंगर-एरिया 4 से फिंगर 8 तक चीनी सेना ने पहली बार कब्जा कर अपने सैनिकों के बैरक, ट्रेंच और हेलीपैड तक तैयार कर लिया. इसे लेकर भी दोनों देशों के सैनिकों के बीच 5-6 मई को लड़ाई-झगड़ा हुआ था.
फिंगर एरिया में चीनी सेना द्वारा एलएसी के स्टेटस क्यो को बदलने के खिलाफ भारतीय सेना ने 29-30 अगस्त की रात पैंगोंग-त्सो लेक के दक्षिण में कैलाश हिल रेंज की मुखपरी, गुरंग हिल, मगर हिल और रेचिन ला दर्रे पर प्री-एम्टिव कारवाई करते हुए अपने अधिकार-क्षेत्र में कर लिया. इस दौरान दोनों देशों के सैनिकों के बीच 45 साल में पहली बार फायरिंग तक की नौबत आ गई.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और थलसेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे साफ कर चुके हैं कि अगर बातचीत से मामला सुलझा है तो ठीक है, नहीं तो भारतीय सेना किसी भी तरह की चुनौता का सामना करने के लिए तैयार है. क्योंकि भारतीय सेना ने एलएसी पर अपनी मोर्चाबंदी पूरी कर रखी है.
Farm Laws: नकाबपोश शख्स को लेकर पुलिस ने किया बड़ा खुलासा, अब जांच में सामने आई ये बात