China Plans to Build New Highway: एलएसी (LAC) पर चल रहे विवाद के बीच चीन (China) एक बार फिर उकसावे की में जुट गया है. चीन जल्द ही अक्साई चिन (Aksai Chin) में एक नया हाईवे बनाने जा रहा है. तिब्बत (Tibet) से शिंच्यांग (xinjiang) के बीच बनने वाले जी-695 हाईवे विवादित अक्साई चिन से होकर गुजरेगा. गौरतलब है कि 50 के दशक में चीन (China) ने भारत के साथ सीमा विवाद अक्साई-चिन में हाईवे बनाकर ही शुरू किया था. लेकिन भारत ने भी साफ कर दिया है कि चीन की हर हरकत पर नजर रखी जा रही है.


पिछले हफ्ते ही चीन ने अपने नेशनल प्रोग्राम के तहत नया हाईवे कंस्ट्रक्शन-प्लान जारी किया है. इस प्लान के तहत पूरे चीन में 345 नए हाईवे बनाए जाने हैं जिनकी कुल लंबाई करीब 4.61 लाख किलोमीटर है और वर्ष 2035 तक ये सभी हाईवे बनकर तैयार हो जाएंगे. लेकिन इन हाईवे में सबसे विवादित है जी-695 हाईवे जो तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र के लुहांजे काउंटी से शिंच्यांग के माझा तक जाएगा.


एलएसी के पास से गुजरेगा हाईवे
जानकारी के मुताबिक, ये हाईवे भारत से सटी विवादित लाइन ऑफ कंट्रोल यानी एलएसी के पास से गुजरेगा. माना जा रहा है कि ये हाईवे चीन की पीएलए सेना की छावनियों और मिलिट्री बेस के करीब से गुजरेगा ताकि सेना की मूवमेंट तेजी से की जा सके.


हाईवे निर्माण पर क्या बोला चीन?
एलएसी के बेहद करीब दूसरा विवादित हाईवे बनाने पर भारत ने भी अपना रुख साफ कर दिया है. गुरुवार को भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता, अरिंदम बागची से जब चीन के इस नए हाईवे के बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि (भारत) सरकार हर उस कार्य पर नजर रखे हुए है जिसका असर भारत की सुरक्षा पर पड़ रहा है और उसके लिए जरूरी कदम भी उठाए जा रहे हैं. दरअसल, 1957 से पहले तक अक्साई चिन भारत का हिस्सा था और आज भी भारत उसे अपना ही मानता है.


1957 में भी चीन ने किया था नेशनल हाईवे का निर्माण
1957 में चीन ने भारत के अक्साई चिन में जी-219 नेशनल हाईवे का निर्माण चोरी-छिपे किया था और फिर पूरी तरह से भारत के इस हिस्से पर अपना कब्जा कर लिया था. 1962 में भारत और चीन के बीच हुई जंग का एक बड़ा कारण यही जी-219 हाईवे ही था. चीन ने बाद में इस हाईवे की लंबाई करीब 10 हजार किलोमीटर कर दी थी जो शिंच्यांग से लेकर तिब्बत तक जाता है. इस हाईवे का करीब 180 किलोमीटर आज भी अक्साई चिन से होकर गुजरता है. अब एक नए एक्सप्रेस हाईवे से चीन भारत से सटी एलएसी पर अपना इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत करने में जुट गया है.


भारत और चीन संबंधों में आई है खटास
भारत (India) और चीन (China) के बीच हालांकि '62 के युद्ध के बाद से ही संबंध खराब रहे हैं लेकिन पिछले दो सालों से पूर्वी लद्दाख (Ladakh) से सटी एलएसी (LAC) पर गलवान घाटी (Galwan Valley) की हिंसा से संबंधों में और खटास आ गई है. पिछले दो सालों से दोनों देशों के 50-50 हजार सैनिक, टैंक, तोप, मिसाइल और फाइटर जेट्स एलएसी पर तैनात हैं. दोनों देशों के बीच पिछले दो सालों में 16 दौर के सैन्य वार्ता हो चुकी है लेकिन सीमा विवाद (Border Dispute) सुलझने का नाम नहीं ले रहा है.


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