LAC face-off: तवांग में 9 दिसंबर को भारत-चीन के सैनिकों के बीच झड़प हुई जिसके बाद आज रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा और राज्यसभा में बयान दिया. उन्होंने बताया कि, इस फेस-ऑफ में हाथापाई हुई और भारतीय सेना ने बहादुरी से चीन सैनिकों का सामना किया. राजनाथ ने ये भी बताया कि इस झड़प में कोई भी सैनिक शहीद नहीं हुआ ना ही कोई गंभीर रूप से घायल हुआ. 



वहीं, ऐसे में ये समझना जरूरी हो जाता है कि आखिर चीन क्यों भारतीय सीमा में घुसपैठ की कोशिश कर रहा है. क्यों आखिर चीन बौखलाया हुआ है? रक्षा मामलों के जानकार इसकी कई वजहे मानते हैं.


हालिया वजहों पर बात करे तो चार अहम कदम चीन को चुभ रहे हैं


पहली वजह


भारत ने उत्तरखंड से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक एक सड़क का निर्माण कर रहा है चीनी को इस आपत्ति है. भारत-भूटान-चीन के ट्राय जंक्शन से शुरू होकर 2000 किलोमीटर लंबा है और भारत-म्यांमार-चीन ट्राय जंक्शन तक जाता है. ये मेकमोहन लाइन से सट कर बन रहा है. चीन को इस पर कड़ी आपत्ति है क्यों कि इससे चीन का बॉर्डर पर एडवांटेज़ ख़त्म हो जाएगा.


दूसरी वजह


तवांग मोनेस्ट्री का बयान है. तवांग मोनेस्ट्री जो कि लहासा मोनेस्ट्री के बाद दूसरी सबसे अहम मोनेस्ट्री है इसके हेड ने बयान जारी कर कहा कि “चीन अगले दलाई लामा के नाम का एलान नहीं कर सकता है, दलाई लामा का एलान तिब्बत के लोग ही कर सकते है” इस बयान के बाद चीन बौखलाया हुआ है. चीन चाहता है कि अगले दलाई लामा को घोषणा उसकी मर्ज़ी के मुताबिक़ हो. चीन जानता है कि लहासा मोनेस्ट्री के अलावा तवांग मोनेस्ट्री ही एक ऐसी मोनेस्ट्री है जो अगले दलाई लामा के नाम का एलान करने के लिए अकेले सक्षम है. चीन को ये बयान और बात दोनों बहुत चुभ रहे हैं.


तीसरी वजह


हाल ही में भारत ने “सूर्या मिसाइल” का परीक्षण किया है. सेना के मुताबिक़ इस मिसाइल की रेंज 4000-5000 किलोमीटर है जबकि इंटरनेशनल आर्म्ड एसोसिएशन का मानना है कि सूर्या मिसाइल की रेंज 10000-12000 किलोमीटर है. इस मिसाइल की रेंज में पूरा चीन आ रहा है. हिन्द महासागर में उसके तमाम जासूसी जहाज़ भारत की जासूसी करने के लिए घूम रहे हैं. इस मिसाइल की रेंज से घबराया चीन भारत को बार-बार छेड़ रहा है. चीन इन शिपस को श्रीलंका के हम्बनटोटा पोर्ट जाने के बहाने भेजता रहता है. इस बारे में रणनीतिक यात्रा पर नेवी चीफ़ आर हरि भी चार दिन के श्रीलंका के दौरे पर हैं.


चौथी वजह


हाल ही में उत्तरखंड में भारत-अमेरिका के सेनाओं का सहगल युद्ध्याभास है. इस युद्धाभ्यास के बाद चीन के विदेश मंत्रालय की तरफ़ से बकायदा बयान जारी कर कहा गया कि भारत-अमेरिका का युद्याभ्यास भारत-चीन के समझौते के ख़िलाफ़ है. चीन भारत और अमेरिका के सामरिक तौर पर मज़बूत होते संबंधों से भी परेशान हैं.


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