भारत-चीन झड़प: चीन के साथ खूनी झड़प में घायल चार भारतीय सैनिकों की स्थिति गंभीर, इलाज जारी
भारत और चीन के बीच सैन्य स्तर की बातचीत को रोक दिया गया है. रक्षा मंत्री ने नियंत्रण रेखा पर हालात की समीक्षा की है. साथ सेना का एलएसी पर निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए गए है. पिछले पांच दशक से भी ज्यादा समय में सबसे बड़े सैन्य टकराव के कारण क्षेत्र में सीमा पर पहले से जारी गतिरोध और भड़क गया है.
नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख में सोमवार रात गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में भारतीय सेना के एक कर्नल सहित 20 सैनिक शहीद हो गए. वहीं इस हमल जानलेवा हमले में भारतीय सेना के कई जवान 'गंभीर रूप से घायल' हुए हैं और उनका इलाज चल रहा है. बुधवार को सरकारी सूत्रों ने कहा कि इसे चीनी सैनिकों द्वारा किए गए सबसे घातक हमले में से एक के रूप में देखा जा रहा है, इससे 'हताहतों की संख्या' अभी और बढ़ सकती है.
सरकारी सूत्रों ने कहा कि गंभीर रूप से घायल जवानों की संख्या दोहरे अंकों में है. हालांकि, भारतीय सेना ने संख्या पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया और कहा कि कई जवान घायल हैं. बता दें कि चीनी सेना द्वारा भारतीय सेना के जवानों पर सोमवार रात हमला हुआ और यह लगभग छह से सात घंटे तक जारी रहा.
भारत-चीन के बीच सैन्य स्तर पर बातचीत रुकी, सेना को LAC पर निगरानी बढ़ाने के निर्देश
भारत और चीन के बीच सैन्य स्तर की बातचीत को रोक दिया गया है. रक्षा मंत्री ने नियंत्रण रेखा पर हालात की समीक्षा की है. साथ सेना का एलएसी पर निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए गए है. सूत्रों के मुताबिक रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तीनों सेना प्रमुखों (सेना, नौसेना और वायु सेना) और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के साथ बैठक की है. उन्होंने मौजूदा स्थिति पर भी विदेश मंत्री एस. जयशंकर से भी बात की है.
शवों और घायल जवानों को लाने के लिए करीब 16 बार उड़ान भरी
सरकारी सूत्रों ने बताया कि मंगलवार को लद्दाख क्षेत्र के गलवान घाटी में हुए हमले के स्थल से भारतीय हेलीकॉप्टरों ने शवों और घायल जवानों को लाने के लिए करीब 16 बार उड़ान भरी. भारतीय सेना के 4 जवानों के शव बुधवार सुबह गलवान से लेह के लिए रवाना किए गए.
20 जवान इस हिंसक झड़प में शहीद हुए
मंगलवार को, भारतीय सेना ने कहा कि अधिकारियों समेत 20 जवान इस हिंसक झड़प में शहीद हुए थे. बल ने यह भी कहा कि हमला क्रूर था और इसमें लगी चोटें गंभीर थीं.
भारतीय सेना ने मंगलवार देर रात एक बयान जारी कर कहा, "17 भारतीय सैनिक, जो गतिरोध वाले स्थान पर ड्यूटी में थे वे गंभीर रूप से घायल हो गए थे. वे ऊंचाई वाले इलाकों में शून्य से नीचे वाले तापमान में थे. गंभीर चोटों के कारण उन्होंने दम तोड़ दिया. जिससे कुल हताहतों की संख्या 20 तक पहुंच गई."
सेना ने आगे कहा कि भारतीय और चीनी सैनिक गलवान क्षेत्र से हट गए हैं जहां वे 15 जून और 16 जून, 2020 की रात को भिड़ गए थे. सेना ने कहा कि भारतीय सेना राष्ट्र की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता की रक्षा के लिए दृढ़ता से प्रतिबद्ध है.
गौरतलब है कि पीएलए के सैनिकों ने सोमवार रात गश्त के दौरान भारतीय सेना के जवानों के एक छोटे समूह पर हमला किया था जिससे भारतीय कमांडिंग अधिकारी सहित तीन जवान शहीद हो गए थे.
फिर दोनों पक्षों से हिंसक झड़प में तीव्रता बढ़ गई और यह देर रात तक जारी रही. लड़ाई के दौरान कई भारतीय सैनिक लापता हो गए. मंगलवार अल सुबह भारतीय और चीनी शीर्ष सैन्य अधिकारियों ने हालात को ठीक करने के लिए बैठक की.
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