(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
LAC Standoff: भारत-चीन के बीच 16वें दौर की बैठक में भी नहीं निकला ठोस समाधान, LAC पर स्थिरता बनाए रखने पर जताई सहमति
India-China Border Dispute: पूर्वी लद्दाख से सटी LAC के एयर स्पेस में भारत और चीन की वायुसेनाओं के बीच चल रही तनातनी के बीच दोनों देश के कोर कमांडर्स ने रविवार को 12 घंटे लंबी एक अहम बैठक की.
India China Relations: भारत (India) और चीन (India) के बीच हुई 16वें दौर की मीटिंग में विवादित इलाकों को सुलझाने का कोई ठोस समाधान नहीं निकल पाया है. मीटिंग के 24 घंटे बाद दोनों देशों ने साझा बयान (Joint Statement) जारी कर हालांकि एलएसी (LAC) पर स्थिरता (Stability) बनाए रखने और बातचीत को आगे बढ़ाए जाने पर जरूर सहमति जताई.
भारतीय सेना ने सोमवार देर शाम बयान जारी कर बताया कि 17 मार्च की मीटिंग के बाद दोनों देश (भारत और चीन) पश्चिमी सेक्टर यानि लाइन ऑफ कंट्रोल (Line Of Control- LAC) के पूर्वी लद्दाख (Ladakh) इलाके में शांति और स्थिरता बनाए रखने पर सहमत हुए हैं. दोनों देश संपर्क बनाए रखने और मिलिट्री सहित डिप्लोमेटिक चैनल्स के जरिए बातचीत बनाए रखने पर सहमत हुए हैं. इसके अलावा जल्द से जल्द विवादित मुद्दों के समाधान के लिए पारस्परिक रुप से स्वीकार्य समाधान पर काम करने पर भी राजी हो गए हैं.
12 घंटे तक चली बैठक
पूर्वी लद्दाख से सटी एलएसी के एयर स्पेस (Airspace) में भारत और चीन की वायुसेनाओं के बीच चल रही तनातनी के बीच दोनों देश के कोर कमांडर्स ने रविवार को 12 घंटे लंबी एक अहम बैठक की. एलएसी के विवादित इलाकों को सुलझाने के लिए 16वें दौर की ये बैठक पूर्वी लद्दाख के चुशूल-मोल्डो मीटिंग पॉइंट पर भारतीय सीमा में संपन्न हुई.
भारत की तरफ से सेना की लेह स्थित 14वीं कोर के कमांडर, लेफ्टिनेंट जनरल अनिन्दय सेनगुप्ता ने हिस्सा लिया तो चीन की तरफ से दक्षिणी तिब्बत मिलिट्री डिस्ट्रिक के प्रमुख, मेजर जनरल यांग लिन ने अपने देश के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया.
पीपी नंबर 15 मुख्य मुद्दा
ये मीटिंग खासतौर से पूर्वी लद्दाख से सटी एलएसी के पैट्रोलिंग पॉइंट (पीपी) नंबर 15 पर डिसइंगेजमेंट (Disengagement) के लिए की बुलाई गई थी. पीपी 15 पर दोनों देशों की एक-एक प्लाटून पिछले दो साल से आमने सामने है. जानकारी के मुताबिक, पीपी 15 के अलावा भारत की तरफ से डेपसांग प्लेन और डेमचोक जैसे विवादित इलाकों के समाधान का मामला भी उठाया गया था.
पिछले महीने चीन ने अक्साई चिन (Aksai Chin) इलाके में एक बड़ी एयर-एक्सरसाइज (Air Exercise) की थी. इस दौरान चीनी लड़ाकू विमान भारत के एयर स्पेस के काफी करीब पहुंच गए थे. उस दौरान भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) ने लद्दाख स्थित अपने एयर बेस से फाइटर जेट्स को 'स्क्रैमबल' किया था.
भारत ने दर्ज कराया विरोध
जानकारी के मुताबिक, रविवार की मीटिंग में भारत ने एयर स्पेस का उलंघन करने का चीन से विरोध भी दर्ज कराया था. चीनी वायुसेना के युद्धाभ्यास के बाद भारतीय वायुसेना ने पूर्वी लद्दाख से सटी एलएसी के एयर स्पेस में अपनी एयर पैट्रोलिंग बढ़ा दी है.
मीटिंग खत्म होने के 24 घंटे बाद भारत और चीन ने साझा बयान जारी किया. इस बयान में कहा गया कि इस साल 11 मार्च को हुई बैठक को आगे बढ़ाते हुए दोनों देशों ने 17 मार्च को एलएसी के पश्चिमी-क्षेत्र यानि पूर्वी लद्दाख के प्रसांगिक मुद्दों के समाधान के लिए रचनात्मक और दूरंदेशी तरीके से चर्चा जारी रखी. विवादित मुद्दों के जल्द से जल्द समाधान के लिए काम करने के लिए दोनों देशों के राजनेताओं द्वारा दिए गए मार्ग-दर्शन को ध्यान में रखते हुए दोनों देशों के मिलिट्री कमांडर्स (Military Commander) ने अपने-अपने विचारों का आदान-प्रदान किया.
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