LAC Updates: ड्रैगन को मिला करारा जवाब, पैंगोंग झील के उत्तर में चीन की घुसपैठ तो दक्षिण में भारत ने ली पोजिशन
भारतीय सेना ने चीन के ‘उकसावे वाले इरादों के जवाब में प्री-एम्पटिव कारवाई करते हुए’ इस इलाके में अपना अधिकार जमा लिया है. भारत की इस कारवाई पर चीन की तल्ख प्रतिक्रिया सामने आई है और भारत को पीछे हटने के लिए कहा है.
![LAC Updates: ड्रैगन को मिला करारा जवाब, पैंगोंग झील के उत्तर में चीन की घुसपैठ तो दक्षिण में भारत ने ली पोजिशन LAC Updates: India's pre emptive action near Pangong Tso lake against China ANN LAC Updates: ड्रैगन को मिला करारा जवाब, पैंगोंग झील के उत्तर में चीन की घुसपैठ तो दक्षिण में भारत ने ली पोजिशन](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2020/08/09132541/india-china-stand-off.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख से सटी एलएसी पर भारत और चीन के बीच तनाव दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है. भारतीय सेना ने रेजांगला के करीब रैकिन दर्रे पर कब्जा कर लिया है. भारतीय सेना चीन की ओर बढ़ते हुए कम से कम चार किलोमीटर चली गई है. भारत ने इस इलाके में दो सामरिक महत्व के पास यानि दर्रों पर अपना अधिकार जमा लिया है रेकिन पास और हैनान कोस्ट.
SFF को किया गया तैनात हैनान कोस्ट पैंगोंगे त्सो लेक से सटा हुआ है (दक्षिण छोर पर). रैकिन दर्रा तिब्बत/चीन के रैकिन ग्रेजिंग एरिया के बेहद करीब है. चुशुल से करीब 10-12 किलोमीटर की दूरी पर है. ये सब हाईट्स पर है, जहां से इस इलाकों को डोमिनट किया जा सकता है. भारत ने अपनी सीक्रेट, स्पेशल फ्रंटियर फोर्स (एसएफएफ) को उस इलाके के बेहद करीब तैनात किया है जहां पैंगोंग-त्सो लेक के दक्षिण में ताजा विवाद हुआ है. इन इलाकों पर अधिकार जमाने में एसएफएफ की भी अहम भूमिका बताई जा रही है. सेना ने हालांकि ऑपरेशनल-जानकारी साझा करने से इनकार कर दिया है.
चीन के खिलाफ किया गया था गठन एसएफएफ फोर्स में अधिकतर तिब्बत मूल के जवान होते हैं. इसे विकास के नाम से भी जाना जाता है. ये पैरा-एसएफ की तर्ज पर एक स्पेशल फोर्स है. 1962 के युद्ध के बाद चीन के खिलाफ एसएफएफ का गठन किया गया था, लेकिन अब ये एक क्रैक-यूनिट की तरह काम करती है.
कैप्टन रैंक के अधिकारी की हुई थी मौत रविवार को लेह के करीब कारू में भारतीय सेना के एक कैप्टन रैंक के अधिकारी की दुर्घटना में मौत हो गई. दरअसल, मैकेनाइजड-इंफेट्री के अधिकारी, कैप्टन दिक्षांत थापा बीएमपी (आईसीवी व्हीकल) को ट्रोलर पर चढ़ाने में मदद कर रहे थे. उसी दौरान एक प्राईवेट ट्रक ने ट्रोलर को टक्कर मार दी. इससे बीएमपी मशीन कैप्टन के ऊपर गिर गई. आपको बता दें कि इन आईसीवी-इंफेंट्री कॉम्बेट व्हीकल्स को एलएसी पर चीन के खिलाफ भेजा जा रहा था.
भारतीय सेना ने दिया जवाब वहीं सोमवार की सुबह भारतीय सेना ने आधिकारिक बयान जारी कर कहा कि 29 और 30 अगस्त की रात को चीनी सेना के उकसावे वाली मूवमेंट के जवाब में भारतीय सेना ने पैंगोंग त्सो लेक के दक्षिण में अपने सैनिकों की तैनाती को मजबूत किया और चीन के जमीन पर यथा-स्थिति बदलने के एक तरफे इरादे को ध्वस्त कर दिया गया.
शांति कायम रखना चाहता है भारत भारतीय सेना के प्रवक्ता, कर्नल अमन आनंद के मुताबिक, पूर्वी लद्दाख में चल रहे टकराव के चलते भारत और चीन के बीच जो सैन्य और राजनयिक स्तर पर जिस बात की सहमति बनी थी, चीनी सेना ने 29-30 अगस्त की रात उसका उल्लंघन किया. लेकिन भारतीय सेना ने चीनी सेना के इरादों को नाकाम कर दिया. कर्नल आनंद के मुताबिक, भारतीय सेना बातचीत के जरिए शांति कायम रखने चाहती है लेकिन अपनी अखंडता के लिए भी उतनी भी ही प्रतिबद्ध है.
ये भी पढ़ें
एलएसी पर भारत की ‘प्री-एम्पटिव’ कार्रवाई, सेना ने विवादित एलएसी पर जमाया अधिकार भारत सरकार ने बनाया व्यापार के क्षेत्र में चीन पर ‘क्वालिटी अटैक’ का प्लान, Toy इंडस्ट्री को होगा सबसे अधिक फ़ायदाट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)