जम्मू के इस सरकारी अस्पताल पर लोगों ने जड़ा ताला, मूलभूत स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी का उठाया मुद्दा
घाटी से विस्थापित कश्मीरी पंडितों के लिए बने सरकारी अस्पताल में मूलभूत स्वास्थ्य सुविधाओं की भारी कमी होने के कारण लोगों ने प्रदर्शन किया है. इसके साथ ही गुस्साए लोगों ने अस्पताल पर ताला जड़ दिया.
जम्मू: जम्मू और कश्मीर घाटी से विस्थापित कश्मीरी पंडितों ने एक अस्पताल पर ताला जड़ दिया है. यहां विस्थापित कश्मीरी पंडितों की सबसे बड़ी कॉलोनी में बने सरकारी अस्पताल में मूलभूत स्वास्थ्य सुविधाओं की भारी कमी है. जिसके कारण मंगलवार को लोगों का गुस्सा फूट गया. लोगों का आरोप है कि अस्पताल की शुरुआत तो कर दी गई लेकिन अस्पताल में बुनियादी दवाइयों तक की कमी है.
मंगलवार सुबह गुस्साए लोगों ने अस्पताल खुलते ही जम्मू कश्मीर प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी. गुस्साए लोग अस्पताल में बुनियादी दवाइयां मुहैया करवाने की मांग कर रहे हैं. प्रदर्शनकारियो की बढ़ती संख्या को देख अस्पताल प्रशासन ने पुलिस को खबर कर दी. जिस पर आनन फानन में पुलिस भी मौके पर पहुंच गयी. पुलिस को देख प्रदर्शनकारी और भड़क गए और उन्होंने अस्पताल के मुख्य द्वार पर ताला जड़ दिया.
प्रदर्शन करने पहुंचे सुनील पंडिता का दावा था कि सरकार ने नगरोटा विधानसभा क्षेत्र के जगती इलाके में बनी सरकारी डिस्पेंसरी की इमारत को बड़ा कर यहां अस्पताल खोला. जिसके साथ लोगों को आश्वासन दिया गया कि इस अस्पताल में डॉक्टर, जांच के लिए आधुनिक उपकरण और दवाईयां जल्द मुहैया करवाई जाएँगी.
सुनील पंडिता का कहना है कि तब से सिर्फ यहां इमारत बदली है बाकि कुछ नहीं. उनका आरोप था कि यहां आपातकाल स्थिति में बीमार या मरीज़ों के लिए बुनियादी मरहम पट्टी तक नहीं मिलती है. उनका आरोप था कि चंद रुपयों की दवाई लेने के लिए भी मरीज़ों को बाहर जाना पड़ता है.
अस्पताल में तैनात डॉक्टरों की बात की जाए तो उनका दावा है कि यह अस्पताल नया बना है. इसलिए नए अस्पताल की तरह यहाँ सुविधांए पहुंचने में थोड़ा समय लगेगा.