लद्दाख में खुबानी फूल महोत्सव का जलवा, सैकड़ों देशी-विदेशी पर्यटक हो रहे शामिल
Ladakh: पर्यटन विभाग ने पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए खुबानी खिलना उत्सव का आयोजन किया. पढ़ें...
Ladakh Tourism Department: लद्दाख में पर्यटकों को जल्दी आकर्षित करने के लिए पर्यटन विभाग ने खुबानी खिलना उत्सव का आयोजन किया है. ये ठंडे रेगिस्तानी क्षेत्र में वसंत ऋतु की शुरुआत का प्रतीक है. खुबानी खिलना उत्सव जिसे स्थानीय रूप से चुली मेंडोक कहा जाता है. इस साल 8 से 21 अप्रैल तक आयोजित किया गया है.
कारगिल में त्योहार दारचिक, गरकोने, संजाक, हरदास और कार्कीचू में आयोजित किया जाता है जबकि लेह में उत्सव का आयोजन धा, बिआमा, तुरतुक और त्याक्षी गांवों में किया जाता है. इस साल, कारगिल पर्यटन विभाग ने कारगिल के पास चानीगुंड गांव में एप्रीकॉट ब्लॉसम फेस्टिवल का आयोजन किया. यहां एप्रीकॉट के पेड़ों की सबसे बड़ी सघनता है लेकिन खुबानी फूल उत्सव की शुरुआत पर्यटन विभाग द्वारा कारगिल के आर्यन बेल्ट के गरकोन गांव से महीने की शुरुआत में की गई थी जिसमें सैकड़ों देशी-विदेशी पर्यटकों ने भाग लिया.
खुबानी की 12-15 विभिन्न किस्में
पर्यटक आमतौर पर मई से लद्दाख में आना शुरू करते हैं जब ठंडे क्षेत्र में मौसम गर्म होता है. साल के इस समय में गरकान घाटी, कारगिल और द्रास खूबानी के फलों से सजे दुल्हा-दुल्हन की तरह लगते हैं और पर्यटक खूबानी के फूलों की महक से आनंदित हो जाते हैं. करगिल और द्रास के लोगों के लिए खुबानी मुख्य नकदी फसल है और बहुत से लोग खुबानी की खेती से अपनी आजीविका कमाते हैं. यहां खुबानी की 12-15 विभिन्न किस्में हैं और इस तरह के त्योहार स्थानीय लोगों को खुबानी के विपणन में मदद करेंगे.
खुबानी जिसे लद्दाखी में चुल्ली/हल्मन के नाम से जाना जाता है. एक सदी पहले चीनी व्यापारियों द्वारा सिल्क रूट के माध्यम से क्षेत्र से गुजरते हुए लद्दाख के शुष्क क्षेत्र में पेश किया गया था. अब 21वीं सदी में ये फल लद्दाख की संस्कृति, विरासत और अर्थव्यवस्था का एक अभिन्न हिस्सा बन गया है. खुबानी के विशिष्ट सहिष्णु और अत्यधिक स्थिर पौधे ने ठंडे रेगिस्तान की रेतीली मिट्टी को गले लगा लिया है और इसे भारत में खुबानी के सबसे बड़े उत्पादकों में से एक बना दिया है.
पर्यटन क्षेत्र में बेहतर परिणाम प्राप्त करने के लिए...
धारा 370 को निरस्त करने और जम्मू-कश्मीर राज्य को लद्दाख और जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश में विभाजित करने के बाद, लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश में स्थानीय प्रशासन पर्यटन क्षेत्र में बेहतर परिणाम प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है. त्योहारों का आयोजन कर के, स्थानीय परंपराओं, संस्कृति और कृषि-अर्थव्यवस्था पर प्रकाश डालते हुए विभाग का लक्ष्य गरीब क्षेत्र में अधिक पर्यटकों और राजस्व को लाना है.
उत्सव में एलजी लद्दाख (ब्रिगेडियर सेवानिवृत्त) बीडी मिश्रा मुख्य अतिथि थे जिसमें स्थानीय प्रशासन और भारतीय सेना दोनों के अन्य अधिकारियों ने भाग लिया जिसमें बड़ी संख्या में स्थानीय लोग और पर्यटक भी मौजूद थे. जहां इस फेस्टिवल का उद्देश्य खुबानी को बढ़ावा देना था. वहीं इस फेस्टिवल में इस क्षेत्र की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की झलक देखने को मिली.
सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किया गया
पर्यटकों और स्थानीय लोगों ने पारंपरिक खाद्य पदार्थों के साथ एक पार्टी की थी क्योंकि पारंपरिक खाद्य पदार्थों के स्टॉल भी लगाए गए थे और एक सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किया गया था. इसमें कारगिल के विभिन्न ब्लॉकों से मंडलियों ने पारंपरिक गीत और नृत्य का प्रदर्शन किया जिसका मुख्य आकर्षण गारकुन, दा और हनु गांवों की प्राचीन आर्य जनजातियों द्वारा द्रोखपा नृत्य था. एलजी लद्दाख (ब्रिगेडियर सेवानिवृत्त) बीडी मिश्रा ने महोत्सव के आयोजन के लिए लद्दाख के पर्यटन विभाग की सराहना की और विभाग को अधिक से अधिक पर्यटकों को लुभाने के लिए अगले साल से बड़े और अधिक त्योहारों का आयोजन करने का निर्देश दिया.
बीडी मिश्रा ने कहा, "मैं आज लद्दाख क्षेत्र की समृद्ध और मोहक संस्कृति और परंपराओं से मंत्रमुग्ध था लेकिन मैं पर्यटन विभाग से अगले साल बड़े पैमाने पर उत्सव आयोजित करने के लिए कह रहा हूं." लद्दाख पर्यटन विभाग ने परीक्षण के आधार पर आर्यन बेल्ट के गिरकोन गांव में 2023 खुबानी फल महोत्सव का शुभारंभ किया था. लेकिन पर्यटकों और स्थानीय लोगों की अच्छी प्रतिक्रिया के बाद कारगिल मुख्यालय में एक बड़ा उत्सव आयोजित किया गया. देशी-विदेशी पर्यटकों ने मेले का खूब लुत्फ उठाया.
तमिलनाडु के एक पर्यटक ने कहा, "मैं पिछले तीन सालों से लद्दाख में यात्रा कर रहा हूं और पहाड़ों से मंत्रमुग्ध हूं लेकिन खूबानी उत्सव के लिए यहां आने और इन सभी फूलों को देखकर मैं रोमांचित हूं." पर्यटन विभाग का यह उत्सव एक बड़ी सफलता थी क्योंकि एलजी लद्दाख ने घोषणा की कि ब्रांड नाम हैलमैन के तहत अंतरराष्ट्रीय बाजार में स्थानीय खुबानी का निर्यात जल्द ही शुरू किया जाएगा.
स्थानीय खुबानी किसान मोहम्मद अली काचू ने कहा, "अब तक हमारे खुबानी कश्मीर और जम्मू तक सीमित थे. अब यूटी के गठन के बाद हमारे उत्पाद अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी जा रहे हैं और ये सब खुबानी त्योहार जैसे त्योहारों के कारण हो रहा है." उत्सव का हिस्सा रहे स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि ये आयोजन पर्यटन विभाग यूटी लद्दाख का हर साल इस त्योहार को इस क्षेत्र में अधिक से अधिक पर्यटकों को आकर्षित करने के उद्देश्य से मनाने का एक प्रयास है. आने वाले सालों में टूरिस्ट सीजन की अवधि बढ़ाने के लिए टूरिस्ट ऑपरेटर्स और अन्य स्टेकहोल्डर्स को भी विश्वास में लिया जाएगा. चुली मेंडोक महोत्सव लद्दाख के खुबानी गांवों को पर्यटन मानचित्र पर लाने का एक प्रयास है और स्थानीय लोगों को उम्मीद है कि मीडिया और सोशल मीडिया की मदद से यह आयोजन दुनिया तक पहुंचेगा जो अगले सीजन में यहां पर्यटकों को आकर्षित करेगा.
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