Jammu Kashmir: देश भर के बाजारों में दिखेंगी लद्दाख की खुबानी, अधिकारियों ने ट्रकों को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना
Ladakh Apricots: लद्दाख में खुबानी की 12-15 विभिन्न किस्में हैं. इससे पहले यहां अप्रेल के महीने में खुबानी को देश भर में पहचान दिलाने के लिए खुबानी फूल महोत्सव का आयोजन किया गया था.
Jammu Kashmir News: लद्दाख की खुबानी (Apricot) अब देश भर के बाजारों में दिखेगी. जम्मू के अधिकारियों ने कारगिल और लेह दोनों से देश भर के बाजारों में फल ले जाने वाले ट्रकों को हरी झंडी दिखा दी है. लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषद (LAHDC) के अनुसार, लद्दाख देश में 62 प्रतिशत खुबानी का उत्पादन करता है और अब ताजा खुबानी का आपूर्तिकर्ता भी बन रहा है.
पहले विपणन के साधनों की कमी के कारण केवल सूखी खुबानी की मार्केटिंग लद्दाख से की जाती थी, लेकिन अब एक कृषि गैर सरकारी संगठन - कृषक एग्रीटेक की मदद से ताजा खुबानी की मार्केटिंग भी शुरू हो गई है.
कृषक एग्रीटेक एक किसान-केंद्रित संगठन है, जो हिमालयी राज्यों में किसानों के साथ काम कर रहा है. इसने लद्दाख से अंतरराष्ट्रीय बाजार में ताजा खुबानी निर्यात करने की पहल की है.
राष्ट्रीय बाजारों में बिकेंगी लद्दाख की खुबानी
शुक्रवार (4 अगस्त) को कारगिल के कार्यकारी पार्षद एलएएचडीसी, आगा सैयद मेहदी फाजिली ने कारगिल के उपायुक्त श्रीकांत बालासाहेब सुसे के साथ कारगिल से राष्ट्रीय बाजार के लिए ताजा खुबानी को हरी झंडी दिखाई.
मुख्य बागवानी अधिकारी कारगिल, अली रजा ने इस मौके पर कहा कि खुबानी मूल्य श्रृंखला में स्थानीय उद्यमियों की भागीदारी को सुविधाजनक बनाएगी. साथ ही इस पहल से कारगिल के किसानों को कम से कम बर्बादी का अनुभव होगा और उनकी फसलों का सही मूल्य प्राप्त होगा.
इन इलाकों में पहुंची लद्दाख की खुबानी
अधिकारी अली रजा ने बताया कि अब तक कृषक एग्रीटेक ने कारगिल से 6 मीट्रिक टन और लेह से 31 मीट्रिक टन ताजा खुबानी का सफलतापूर्वक निर्यात किया है. फल मुंबई, हैदराबाद, अहमदाबाद और दिल्ली/एनसीआर क्षेत्र के बाजारों में पहुंच गया है.
दरअसल, लद्दाख के बाहर ताजा स्थानीय खुबानी का निर्यात 1986 से प्रतिबंधित. साल 2021 में कृषक एग्रीटेक ने दुबई से 150 किलोग्राम के अपने पहले ऑर्डर के साथ फल को न केवल भारतीय बाजार में बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी पहुंचाया था.
ये भी पढ़ें:
'...तो उन्हें खेद है', बॉम्बे हाई कोर्ट के जस्टिस रोहित बी देव ने जब खुली अदालत में दिया इस्तीफा