Sonam Wangchuk Hunger Strike: लद्दाख के शीर्ष पर्यावरणविद् और जाने-माने इनोवेटर सोनम वांगचुक ने लेह में अपना नौ दिवसीय अनशन समाप्त कर दिया है. वांगचुक लद्दाख की नाजुक पर्वतीय पारिस्थितिकी और देश के लोगों की सुरक्षा के महत्व को दर्शाने और सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए अनशन शुरू किया था.


वांगचुक ने लेह के एनडीएस स्टेडियम में 18 जून से अनशन शुरू किया था, जिसने सैकड़ों लोगों को अपनी तरफ आकर्षित किया. शुरुआत में अनशन की योजना सात दिनों की थी लेकिन उन्होंने इसे दो दिन और बढ़ा दिया और सोमवार (26 जून) को इसे समाप्त किया.


फरवरी में भी किया था अनशन


इससे पहले वांगचुक ने इसी साल फरवरी में शून्य से नीचे के तापमान में लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर पांच दिवसीय भूख हड़ताल की थी. तब पूरे लद्दाख से हजारों लोग उनके साथ शामिल हुए. 


पर्यावरण के नाजुक खतरों पर किया ध्यान आकर्षित


सोनम वांगचुक के जीवन पर बॉलीवुड फिल्म '3 इडियट्स' बनी है, जो ब्लॉकबस्टर रही थी. वांगचुक केंद्र सरकार और पूरी दुनिया का ध्यान लद्दाख में पर्यावरणीय खतरों, यहां के पर्यावरण के नाजुक खतरों की ओर ध्यान आकर्षित करने और उसके लिए सुरक्षा उपायों की मांग करने के लिए अनशन पर बैठे थे. 


मिल चुका है मैग्सेसे पुरस्कार


सोनम वांगचुक का जन्म साल 1966 में हुआ था, जिनको 2018 में मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. वांगचुक ने मैकेनिकल इंजीनियर की पढ़ाई की हुी है और वह हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव्स, लद्दाख (HIAL) के निदेशक रह चुके हैं. 


इसके साथ ही उन्हें इनोवेटिव स्कूल, स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख (SECMOL) की स्थापना के लिए भी जाना जाता है. उन्होंने 1988 में लद्दाख के बच्चों और युवाओं का समर्थन करने और उन छात्रों को प्रशिक्षित करने के लिए SECMOL की स्थापना की थी. साल 1994 में, वांगचुक ने सरकारी स्कूल प्रणाली में सुधार लाने के लिए ऑपरेशन न्यू होप शुरू किया था.


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