लेह: लद्दाख के लिए यूनियन टेरिटरी की घोषणा के साथ ही यहां के फुटबॉल खिलाड़ियों की लॉटरी लग गई है. पहली बार लद्दाख राज्य की ओर से फुटबॉल टीम को नेशनल फुटबॉल टूर्नामेंट खेलने का मौका मिल रहा है. शायद ये पहली बार होगा जब असम के गुवाहाटी में 8 नवंबर से शुरू होने वाले नॉर्थ ईस्ट फुटबॉल टूर्नामेंट में लद्दाख की अंडर 13 फुटबॉल टीम को टूर्नामेंट खेलने का मौका मिलेगा. जबसे खिलाड़ियों और खेल संघ से जुड़े अधिकारियों को इसका पता चला है. वो खिलाड़ियों के साथ दिन रात टूर्नामेंट की तैयारी में जुट गए हैं. खिलाड़ियों का मानना है कि यह उनके लिए किसी सपने से कम नहीं.
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दरअसल अब तक देश में जितने भी राष्ट्रीय स्तर के टूर्नामेंट होते थे उसमें जम्मू और कश्मीर की टीम हिस्सा लेती थी. खिलाड़ियों की मानें तो उस टीम में लद्दाख के खिलाड़ियों की हिस्सेदारी ना के बराबर होती थी. या ये कहें कि उन्हें मौका ही नहीं मिलता था. जिसकी वजह से लेह और लद्दाख के अन्य जिलों के खिलाड़ियों को अपनी प्रतिभा दिखाने का राष्ट्रीय स्तर पर मौका नहीं मिल पाता था. लेकिन यूटी बनने के बाद से खिलाड़ियों में एक उम्मीद की किरण जगी है.
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लेह के ड्रूक पदमा कार्पो स्कूल की अंडर-13 फुटबॉल टीम ने हाल ही में लेह में आयोजित हुए एक राष्ट्रीय स्तर के फुटबॉल टूर्नामेंट में बेहतर प्रदर्शन किया था. और उसके बाद लद्दाख को यूनियन टेरेटरी बनाने की घोषणा कर दी गई. जिसके बाद लद्दाख राज्य की ओर से लद्दाख स्पोर्ट्स काउंसिल ने ड्रक पदमा कारपो स्कूल की टीम को ही राज्य की ओर से नार्थ ईस्ट फुटबॉल टूर्नामेंट में हिस्सा लेने के लिए अधिकृत किया है. ये वही स्कूल है जिसमे हिंदी जगत की बहुचर्चित फ़िल्म थ्री इडियट्स की शूटिंग की गई गई थी.
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फुटबॉल टीम की कोच शहनाज के मुताबिक ये लद्दाख के खिलाड़ियों के लिए बड़ा अवसर है. यूटी बनने की वजह से हमारे खिलाड़ियों को राष्ट्रीय टूर्नामेंट खेलने का मौका मिलेगा. स्पोर्ट्स काउंसिल लद्दाख की इंचार्ज सेरिंग आंगलो के मुताबिक अब तक जम्मू कश्मीर के नाम पर श्रीनगर और जम्मू के खिलाड़ियों को ही मौका मिलता था. लेकिन यूटी बनने की वजह से यह पहला मौका है कि लद्दाख की टीम को भी राज्य टीम की तरह मौका दिया गया है. अब हमारे खिलाड़ियों के लिए नए रास्ते खुलेंगे.