'वन नेशन वन राशन कार्ड' योजना का हुआ और विस्तार, लद्दाख और लक्षद्वीप भी योजना से जुड़े
इस योजना को अगले साल मार्च तक पूरे देश में लागू करने का लक्ष्य रखा गया है. वैसे खाद्य मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि इस साल के अंत तक ही इस लक्ष्य को हासिल कर लिए जाने की संभावना है.
नई दिल्ली: मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी ' वन नेशन वन राशन कार्ड ' का लगातार विस्तार हो रहा है. आज से देश के दो केंद्रशासित प्रदेश भी इस योजना से जुड़ गए. दोनों केंद्रशासित प्रदेशों में लद्दाख और लक्षद्वीप शामिल हैं. इन दोनों को मिलाकर अबतक 26 राज्य और केंद्रशासित प्रदेश इस योजना से जुड़ चुके हैं. खाद्य और उपभोक्ता मंत्रालय के मुताबिक़ दोनों केंद्रशासित प्रदेशों ने इस योजना से जुड़ने के लिए सभी तकनीकी तैयारी पूरी कर ली है.
अभी इन राज्यों में लागू नहीं हुई योजना
दोनों केंद्रशासित प्रदेशों ने उन राज्यों से राशन की ख़रीद की जांच पूरी कर ली जो पहले से इस योजना से जुड़ चुके हैं. अब जिन राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में ये योजना अभी लागू नहीं हुई है उनमें पश्चिम बंगाल, दिल्ली, तमिलनाडु, असम, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, चंडीगढ़, पुडुचेरी, अंडमान-निकोबार और छत्तीसगढ़ शामिल हैं.
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत 81 करोड़ लोग लाभार्थी
लद्दाख और लक्षद्वीप को मिलाकर अब राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के 65 करोड़ ऐसे लाभार्थी हैं जो इस योजना का लाभ ले सकते हैं. फ़िलहाल देश में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत 81 करोड़ लाभार्थी हैं. इस योजना में लाभार्थी एक ही राशन कार्ड से अपने कोटे का राशन देश के किसी भी सरकारी राशन की दुकान से ख़रीद सकता है. जैसे बिहार का कोई व्यक्ति अगर महाराष्ट्र में रहने चला जाता है तो वो अपने मूल राशन कार्ड से ही महाराष्ट्र के किसी सरकारी दुकान से अपने कोटे का राशन ख़रीद सकता है. इसके लिए उसका राशन कार्ड आधार कार्ड से जुड़ा होना चाहिए. आधार कार्ड से ही उस व्यक्ति ही पहचान की जाएगी.
अगले साल मार्च तक पूरे देश में लागू करने का लक्ष्य
इस योजना को अगले साल मार्च तक पूरे देश में लागू करने का लक्ष्य रखा गया है. वैसे खाद्य मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि इस साल के अंत तक ही इस लक्ष्य को हासिल कर लिए जाने की संभावना है. अभी तक बंगाल, दिल्ली और तमिलनाडु जैसे अहम राज्य और केंदशासित प्रदेश इस योजना से नहीं जुड़ पाए हैं.
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