सीधी: मध्यप्रदेश के सीधी में एक आर्युवेदिक अस्पताल में महिलाओं को नसबंदी ऑपरेशन के बाद पलंग तक नहीं मिला. इतना ही नहीं ऑपरेशन के बाद महिलाओं को ठंड के इस मौसम में जमीन पर ही लेटा दिया गया. इलाज के बाद उन्हें स्ट्रेचर तक नहीं मिला. जिसकी वजह से उनके परिजन उन्हें हाथों में उठाकर बाहर लाए. जमीन पर ऐसे लेटाने से महिलाओं को इंफेक्शन का खतरा भी था.
नसबंदी करवाने आईं महिलाओं को एम्बुलेंस तक मुहैया नहीं कराई गई और वो खुद के खर्चे से ही अस्पताल आईं. अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने आरएल वर्मा ने बताया कि उन्हें घटना की जानकारी खुद मीडिया के माध्यम से मिली है.उन्होंने मामले की जांच का आश्वासन दिया. वहीं, महिलाओं के परिजनों ने अस्पताल में फैली अव्यवस्था पर नाराजगी जताई और बताया कि सरकारी अस्पतालों में व्यवस्था सरकार बदलने के बाद भी नहीं सुधरी है. इतना ही नहीं कुछ महिलाओं को तो जमीन पर लेटने की भी जगह नसीब नहीं हुई.
बता दें कि हाल ही में विदिशा में भी इसी तरह का मामला सामने आया था. जहां ग्यारसपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में करीब 41 महिलाओं को नसबंदी के बाद जमीन पर लेटा दिया गया था. वहीं नागदा में नसबंदी के इलाज के दौरान लाइट चली जाने के बाद मोबाइल की लाइट में महिलाओं को इंजेक्शन लगाए गए थे और इमरजेंसी लाइट में ऑपरेशन किए गए थे. इस तरह की बढ़ती घटनाओं ने प्रशासन को कटघरे में खड़ा कर दिया है.
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