लखीमपुर खीरी मामले में आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को रद्द कर दी. कोर्ट ने उसे एक हफ्ते में सरेंडर करने को कहा है. इसके बाद विपक्षी पार्टियों ने हमलावर रुख अख्तियार कर लिया है. इस लिस्ट में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी का नाम भी शामिल हो गया है. उन्होंने बीजेपी पर जमकर हमला करते हुए ट्वीट किया.


प्रियंका ने लिखा, लखीमपुर किसान नरसंहार के पीड़ित परिवार संघर्षों से भरी न्याय की लड़ाई लड़ रहे हैं. सत्ता के संरक्षण में उन पर क्रूरतम दर्जे का अन्याय व अत्याचार हुआ. अन्नदाताओं के इन पीड़ित परिवारों की न्याय की लड़ाई में अंत तक खड़े रहना हम सबकी जिम्मेदारी है, चाहे संघर्ष कितना भी लंबा हो. 


इससे पहले चीफ जस्टिस एन वी रमण, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली की स्पेशल बेंच ने केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष की जमानत रद्द करते हुए कहा कि हाई कोर्ट ने अप्रासंगिक विचारों को ध्यान में रखा और एफआईआर की सामग्री को ज्यादा महत्व दिया. सुप्रीम कोर्ट ने प्रासंगिक तथ्यों और इस तथ्य पर ध्यान देने के बाद कि पीड़ितों को सुनवाई का पूरा अवसर नहीं दिया गया था, गुण-दोष के आधार पर नए सिरे से सुनवाई के लिए जमानत अर्जी को भेज दिया.


फैसले के प्रभावी हिस्से को पढ़ने वाले जस्टिस सूर्यकांत ने कहा, 'पीड़ितों की सुनवाई से इनकार और हाई कोर्ट की ओर से दिखाई गई जल्दबाजी में जमानत आदेश रद्द करने योग्य है.' उन्होंने कहा, 'आदेश को बरकरार नहीं रखा जा सकता और इसे खारिज करना होगा.'


बेंच ने कहा कि यह मानने की जरूरत नहीं है कि आरोपी की जमानत अर्जी पर वही जज सुनवाई नहीं कर सकते. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस पहलू को हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस पर छोड़ देना बेहतर है. मिश्रा की जमानत रद्द करवाने के लिए दायर किसानों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने चार अप्रैल को अपना आदेश सुरक्षित रखा था. हाई कोर्ट की सिंगल बेंच पीठ ने 10 फरवरी को मिश्रा को जमानत दे दी थी, जो चार महीने से हिरासत में था.


ये भी पढ़ें


Jahangirpuri Violence: जहांगीरपुरी में फिर पथराव, मौके पर RAF तैनात, पुलिस ने कहा- ये मामूली घटना


ये भी पढ़ें- महाराष्ट्र में धार्मिक जगहों पर इजाजत के बाद ही लगाया जा सकेगा लाउडस्पीकर, विवादों के बीच उद्धव सरकार का बड़ा फैसला