Parliament में आज फिर विपक्ष का हंगामा, लोकसभा में गूंजा Lakhimpur Kheri मामला, कार्यवाही 2 बजे तक स्थगित
Lakhimpur Kheri Case: लखीमपुर हिंसा मामले में एसआईटी की रिपोर्ट को लेकर लोकसभा में कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने जमकर हंगामा किया. इसके कारण सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई.
Parliament News: लखीमपुर हिंसा मामले में एसआईटी की रिपोर्ट को लेकर मंगलवार को भी लोकसभा में कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने जमकर हंगामा किया. इसके कारण सदन की कार्यवाही शुरू होने के करीब 50 मिनट बाद दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई. सदन की कार्यवाही शुरू होने के साथ ही कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी दलों के सदस्य नारेबाजी करते हुए आसन के करीब पहुंच गए. कई सदस्यों ने हाथों में तख्तियां भी ले रखी थीं. विपक्ष केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के इस्तीफे की मांग को लेकर अड़ा हुआ है. अध्यक्ष ओम बिरला ने शोर-शराबे के बीच ही प्रश्नकाल शुरू कराया. इस दौरान डीएमके सांसदों ने नीट परीक्षा खत्म करने को लेकर भी विरोध-प्रदर्शन किया.
गृह, कृषि, ग्रामीण विकास मंत्रालयों से जुड़े पूरक प्रश्न पूछे गए जिनके संबंधित मंत्रियों ने जवाब भी दिए. बिरला ने नारेबाजी कर रहे विपक्षी सदस्यों से अपनी जगह पर जाने की अपील की. बिरला ने सदस्यों से कहा कि आप अपने स्थान पर जाएं, पूरा मौका दूंगा. आपको हर मुद्दे पर पूरा समय दूंगा. आप नियोजित तरीके सदन में रुकावट डालते हैं, ये सही नहीं है. आप अपनी सीट पर जाइए. लखीमपुर खीरी में तीन अक्टूबर को हुई हिंसा के मामले पर ही सोमवार और पिछले हफ्ते विपक्षी सदस्यों ने सदन में हंगामा किया था जिसके कारण सदन की कार्यवाही बाधित हुई थी.
दूसरी ओर, विभिन्न मुद्दों पर विपक्षी सदस्यों के हंगामे की वजह से मंगलवार को राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होने के 10 मिनट के भीतर ही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई.
सुबह सदन की कार्यवाही आरंभ होने पर सभापति एम वेंकैया नायडू ने जरूरी दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए. इसके बाद उन्होंने सदन को सूचित किया कि 20 दिसंबर को हुई कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में निर्वाचन विधि संशोधन विधेयक को चर्चा और पारित करने के लिए तीन घंटे का समय आवंटित किया गया है. विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे सहित अन्य विपक्षी सदस्यों ने इस पर आपत्ति जताई और कहा कि वे समिति की बैठक में मौजूद नहीं थे. खड़गे ने कहा, 'जब हम बैठक में मौजूद ही नहीं थे तो इसे क्यों स्वीकार करें.'