Lakhimpur Kheri Case: जिन पर देश की सुरक्षा का जिम्मा है, वही पिछले कई घंटों से गायब हैं. हम बात कर रहे हैं देश के गृहराज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा उर्फ टेनी की, जो पिछले 35 घंटे से ज्यादा का समय हो गया, लेकिन न संसद में उपस्थित हुए, न मंत्रालय में नजर आए और न ही अपने सरकारी आवास पर पहुंचे. यही नहीं आज पीएम के नास्ते पर भी नहीं पहुंचे. ये अलग बात है कि अभी इस बात की पुष्टि नहीं हो पाई कि उन्हें बुलाया नहीं गया या फिर वह स्वयं नहीं पहुंचे.
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर में पत्रकारों के साथ बदसलूकी करने के बाद बुधवार शाम करीब 7:00 बजे अजय कुमार मिश्रा दिल्ली पहुंचे. एयरपोर्ट से बाहर तो निकले, लेकिन वे अपने सरकारी आवास पर नहीं पहुंचे. गुरुवार सुबह करीब 10:20 बजे गृह मंत्रालय पहुंचे. गृह मंत्रालय के पीछे वाले गेट से मंत्रालय में दाखिल हुए और सीधे अपने मंत्रालय स्थित दफ्तर में पहुंचे.
पीछे के दरवाजे से मंत्रालय में हुए थे दाखिल
आमतौर पर अजय कुमार मिश्रा नॉर्थ ब्लॉक में सामने से आया-जाया करते थे, लेकिन यह पहला मौका था जब छिपते-छिपाते वे पीछे के दरवाजे से मंत्रालय में दाखिल हुए. करीब 10:40 बजे उन्होंने मंत्रालय में पहले से ही प्रस्तावित एक बैठक को संबोधित किया. इस बैठक से करीब 50 मिनट बाद 11.30 बजे अपने कमरे में फिर पहुंचे.
करीब 12.25 बजे अजय कुमार मिश्रा गृह मंत्रालय के पीछे वाले गेट यानी रकाबगंज की ओर से निकल गए. उसके बाद से उनका अता-पता नहीं चला. करीब 35 घंटे से ज्यादा का समय हो गया, लेकिन उनका कोई अता-पता नहीं लग रहा है. सवाल है कि मंत्री छिप क्यों रहे हैं? ऐसा भी क्या हो गया कि मंत्री न संसद जा रहे हैं, न मंत्रालय जा रहे हैं न ही अपने घर पर जा रहे हैं.
मंत्री का पुत्र मामले के 13 आरोपियों में शामिल
गौरतलब है कि लखीमपुर खीरी हिंसा की जांच कर रहे उत्तर प्रदेश पुलिस के विशेष जांच दल (SIT) ने अदालत को बताया है कि कि चार किसानों और एक पत्रकार की हत्या की घटना एक 'सोची-समझी साजिश' थी. एसआईटी की टीम ने मामले में अधिक गंभीर आरोपों को शामिल किए जाने का अनुरोध किया. केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा का पुत्र आशीष मिश्रा इस मामले के 13 आरोपियों में शामिल है.
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