लखीमपुर खीरी केस में सुप्रीम कोर्ट से मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा की जमानत रद्द होने के बाद बयानबाजी जारी है. सियासी पार्टियों और नेताओं की ओर से इसे लेकर प्रतिक्रियाएं दी जा रही है. राष्ट्रीय लोकदल ने आशीष मिश्रा की जमानत रद्द होने पर खुशी जताई है. पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर कहा कि किसान की जीत हुई और रसूखदार को हार मिली है. आरएलडी (RLD) ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने जमानत रद्द कर इंसाफ को विजयी बनाया है. वही आशीष की जमानत रद्द होने पर स्वराज इंडिया के अध्यक्ष और किसान नेता योगेंद्र यादव ने कहा है देर है लेकिन अंधेर नहीं है. 


जीत गए किसान, हार गए रसूखदार- RLD


लखीमपुर खीरी केस में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला देते हुए आशीष मिश्रा की जमानत रद्द कर दी. आशीष मिश्रा की जमानत रद्द किए जाने पर आरएलडी ने ट्वीट, 'जीत गए किसान... हार गए रसूखदार ! माननीय सुप्रीम कोर्ट का सुप्रीम फैसला...लखीमपुर खीरी नरसंहार के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत रद्द कर न्याय को विजयी बनाने के लिए माननीय सुप्रीम कोर्ट को बहुत-बहुत धन्यवाद''






देर है लेकिन अंधेर नहीं- योगेंद्र यादव


स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने ट्वीट किया,'' देर है लेकिन अंधेर नहीं. इस बात को पुनर्स्थापित करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आज टेनी की बेल ख़ारिज करके जनता की नज़रों में फ़िर से आशा और विश्वास की चमक पैदा की है.






किसानों को न्याय की उम्मीद जगी- टिकैत


उधर, भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने भी ट्वीट किया,'' सुप्रीम कोर्ट द्वारा मंत्री पुत्र आशीष की जमानत रद्द करने से किसानों को न्याय की उम्मीद जगी है. यूपी सरकार पीड़ित किसानों की सुरक्षा, मुआवजा और न्याय दिलाने का काम करे. बेगुनाह किसानों को जेल से निकलवाए. पूर्ण न्याय मिलने तक संघर्ष जारी रहेगा''






10 फरवरी को मिली थी जमानत


बता दें कि लखीमपुर खीरी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला रद्द करते हुए कहा कि पीड़ितों को हर कार्यवाही में सुनवाई का अधिकार है. मौजूदा मामले में पीड़िता को सुनवाई के अधिकार से वंचित रखा गया है. हाईकोर्ट ने कई अप्रासंगिक विचारों और अनदेखी मिसालों को ध्यान में रखा है. इसके साथ ही अदालत ने एक हफ्ते में आशीष मिश्रा को सरेंडर करने के लिए कहा. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आशीष मिश्रा की जमानत अर्जी पर हाईकोर्ट नए सिरे से विचार करे. बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट की एकल पीठ ने 10 फरवरी को आशीष मिश्रा को इस मामले में जमानत दी थी.


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