Lakhimpur Kheri Violence: लखीमपुर खीरी में किसानों को गाड़ी से कूचलने के केस की जांच कर रही SIT ने घटना को सोची समझी साजिश करार दिया है. इसके बाद केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा के खिलाफ हत्या की कोशिश जैसी गंभीर धाराएं भी जोड़ दी गई. इसी से जुड़ा सवाल पूछने पर कल अजय मिश्रा एबीपी न्यूज के रिपोर्टर पर भड़क गए थे.
केंद्रीय मंत्री होकर भी भीड़ के बीच कैमरे के सामने अजय मिश्रा ने जो दबंगई दिखाई है वो उनके पद को बिल्कुल शोभा नहीं देता. क्योंकि वो केंद्र सरकार में गृह राज्यमंत्री हैं. गृह मंत्रालय की जिम्मेदारी देश में शांति और सुरक्षा कायम करने की है लेकिन यहां तो मंत्री जी खुद पत्रकार को धमकी दे रहे हैं. इसलिए एबीपी न्यूज ऐसे मंत्री से कुछ बड़े तीखे सवाल कर रहा है.
- गाली देने वाला शख्स मंत्रीपद पर कैसे रह सकता है?
- पत्रकार के सवाल पर हाथ छोड़ने का हक किसने दिया?
- बेटे को बेकसूर मानते हैं तो पत्रकार पर हाथ उठा देंगे?
- SIT रिपोर्ट में बेटा फंसा तो पत्रकारों की क्या गलती?
- क्या जनता ने आपको धमकाने के लिए चुना है?
- बेटे को बचाने के चक्कर में मंत्री संविधान की शपथ भूल गए?
- मंत्री बने रहे तो क्या केस प्रभावित नहीं होगा?
3 अक्टूबर को किसानों को गाड़ी से कूचलने का अपराध हुआ था. लखीमपुर खीरी हिंसा मामले की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) ने मंगलवार को अपनी छानबीन और साक्ष्यों के आधार पर दावा किया है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्र 'टेनी' के बेटे और उसके सहयोगियों द्वारा जानबूझकर, सुनियोजित साजिश के तहत घटना को अंजाम दिया गया था. इस हादसे में कई किसान भी मारे गए थे. जिसके बाद से विपक्षी दल बीजेपी पर हमलावर हैं.
अजय मिश्रा के नाम पर जो हंगामा मचा है वो सिर्फ उत्तर प्रदेश की राजनीति ही नहीं गरमाई है बल्कि महाराष्ट्र तक से विरोधी बीजेपी पर सवाल दाग रहे हैं. कांग्रेस के इस आक्रामक तेवर को तमाम विपक्षी पार्टियों का साथ मिल रहा है. आंदोलन कर रहे किसानों के लिए भी यूपी चुनाव से पहले अजय मिश्रा की बर्खास्तगी बड़ा मुद्दा है. लेकिन एबीपी न्यूज को सरकार के सूत्रों से जो खबर मिल रही है उसके मुताबिक ना मंत्री जी इस्तीफा देंगे, न वो बर्खास्त किए जाएंगे.