Lakhimpur Kheri Violence: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा को लेकर सियासत लगातार गरमाती जा रही है. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी कि गिरफ्तारी के बाद यह मामला तूल पकड़ता जा रहा है. प्रियंका गांधी ने एक लिखित बयान जारी कर मंगलवार को कहा कि उन्हें लखीमपुर खीरी जाते वक्त सीतापुर पीएसी कंपाउंड ले जाया गया. उन्होंने कहा कि उन्हें ये भी अब तक नहीं बताया गया कि आखिर किन परिस्थितियों में या फिर किन धाराओं में उनके साथ ऐसा किया गया है.


कांग्रेस महासचिव ने कहा कि मैंने सोशल मीडिया पर पेपर का हिस्सा देखा है, जिसमें 11 लोगों के नाम हैं, उनमें से 8 लोग मेरी गिरफ्तारी के वक्त वहां पर मौजूद ही नहीं थे. हकीकत ये है कि उन लोगों में से 2 ऐसे लोगों का नाम शामिल किया है, जो 4 अक्टूबर को लखनऊ से मेरे लिए कपड़े लेकर आए थे.






प्रियंका गांधी ने अपने बयान में कहा कि जिस वक्त वह लखीमपुर खीरी जा रही थी उस समय चार अन्य लोगों के साथ वह गाड़ी में यात्रा कर रहीं थीं. इनमें दो स्थानीय कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ सांसद दीपेन्द्र हुड्डा और संदीप सिंह मौजूद थे. उन्होंने कहा कि इन चारों के अलावे और न ही कोई सुरक्षाकर्मी थे और न ही कोई कांग्रेसी कार्यकर्ता.


कांग्रेस महासचिव ने कहा कि जिस वक्त मुझे पीएसी कंपाउंड सीतापुर लाया गया उस समय दो महिला और 2 पुरूष कांस्टेबल मौजूद थे. पीएसी कंपाउंड लाने के बाद 5 अक्टूबर की शाम साढ़े छह बजे तक 38 घंटे हो गए, लेकिन मुझे यूपी पुलिस या प्रशासन की तरफ से यह नहीं बताया गया कि आखिर किन परिस्थितियों में या फिर किन कारणों की वजह से मेरे ऊपर चार्ज लगाया गया है.


प्रियंका ने कहा कि मुझे न ही कोई नोटिस दिया गया और न ही एफआईआर दिखाई गई है. इसके साथ ही, न मुझे मजिस्ट्रेट या फिर किसी अन्य ज्यूडिशियल ऑफिसर के सामने पेश किया गया. इसके साथ ही, मुझे वकील से भी नहीं मिलने दिया गया, जो सुबह से ही गेट पर खड़े हैं.


ये भी पढ़ें:


Lakhimpur Kheri News: लखीमपुर खीरी में इंटरनेट सेवा बहाल, जानें- अब कैसा है इलाके का हाल


Charanjit Channi Meets Amit Shah: अमित शाह से मिले पंजाब के सीएम चरणजीत चन्नी, लखीमपुर खीरी हिंसा का मुद्दा उठाया