Lakhimpur Violence: मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा से पूछताछ के लिए पुलिस ने मांगी कस्टडी, याचिका पर सुनवाई आज
Lakhimpur Violence: आशीष की पुलिस रिमांड के लिए अर्जी दी गयी थी और अदालत ने इस अर्जी पर सुनवाई के लिए 11 अक्टूबर की तारीख तय की थी.
Lakhimpur Violence: उत्तर प्रदेश में लखीमपुर खीरी हिंसा के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा से की हिरासत की मांग वाली पुलिस की याचिका पर आज सुनवाई होगी. यूपी पुलिस के विशेष जांच दल (एसआईटी) ने 3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा 'टेनी' के बेटे आशीष मिश्रा को शनिवार को करीब 12 घंटे की पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया था, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया.
आशीष की पुलिस रिमांड के लिए दी गई थी अर्जी
आशीष की पुलिस रिमांड के लिए अर्जी दी गयी थी और अदालत ने इस अर्जी पर सुनवाई के लिए 11 अक्टूबर की तारीख तय की थी. इससे पहले आशीष मिश्रा की शनिवार देर रात मेडिकल जांच कराई गई थी और आधी रात के बाद मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) की अदालत में पेश किया गया. न्यायिक मजिस्ट्रेट ने आशीष को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में लखीमपुर खीरी जिला जेल भेज दिया था.
हिंसा में चार किसानों समेत 8 की मौत हुई थी
मामले की जांच के लिए गठित एसआईटी का नेतृत्व कर रहे पुलिस उप महानिरीक्षक (मुख्यालय) उपेंद्र अग्रवाल ने बताया कि मिश्रा ने पुलिस के सवालों का उचित जवाब नहीं दिया और जांच में सहयोग नहीं किया. वह सही बातें नहीं बताना चाह रहे हैं. तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी की हिंसा में चार किसानों सहित आठ लोगों की मौत के मामले में आशीष और अन्य लोगों के खिलाफ हत्या समेत अन्य संबंधित धाराओं में तिकुनिया थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी. घटना के बाद आशीष पर आरोप लगा कि वह उन वाहनों में से एक में सवार था, जिसने प्रदर्शन कर रहे चार किसानों को कुचल दिया था, जिसके बाद एफआईआर में उसका नाम जोड़ा गया.
किन धाराओं तहत दर्ज हुआ था मामला?
लखीमपुर खीरी जिले के तिकुनिया थाने में बहराइच जिले के निवासी जगजीत सिंह की ओर से दर्ज कराई गई एफआईआर में मंत्री के पुत्र आशीष उर्फ मोनू पर 15-20 अज्ञात लोगों के साथ किसानों के ऊपर जीप चढ़ाने और गोली चलाने का आरोप लगाया गया है. जगजीत सिंह की शिकायत पर तिकुनिया थाने में आशीष और 15-20 अज्ञात लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 147 (उपद्रव), 148 (घातक अस्त्र का प्रयोग), 149 (भीड़ की हिंसा), 279 (सार्वजनिक स्थल से वाहन से मानव जीवन के लिए संकट पैदा करना), 338 (दूसरों के जीवन के लिए संकट पैदा करना), 304 ए (किसी की असावधानी से किसी की मौत होना), 302 (हत्या) और 120 बी (साजिश) के तहत मामला दर्ज किया गया था.