देश में लाखों लोगों को ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) का एसएमएस मिलने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. बड़ी बात यह है कि ग्राहकों को आधार कार्ड का इस्तेमाल और कोविन एप जैसी जरूरी एप्स के लिए भी वक्त पर ओटीपी नहीं मिल रहे हैं, जो चिंता की बात है. ग्राहकों को ये दिक्कतें ऐसे समय आ रही हैं, जब सरकार ने दूरसंचार उपभोक्ताओं के उत्पीड़न को रोकने के लिए टेलीकॉम कंपनियों पर सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.


कई टेलीकॉम आपरेटर्स ने नए नियम लागू किए


टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने ग्राहकों को अनचाही (pesky) कॉल्स और बैंकों के नाम से फर्जी मैसेज की दिक्कतों से बचाने के लिए टेलीकॉम कंपनियों को नए नियम लागू करने को कहा है. हालांकि रिलायंस जियो, एयरटेल और वीआई (वोडाफोन-आइडिया) ने नए नियम आठ मार्च से ही लागू कर दिए थे.


ट्राई ने ब्लॉकचेन टेक्नॉलॉजी का इस्तेमाल करने को कहा


दरअसल हाल ही में ओटोपी पूछने और फेक मैसेजिस को लेकर देश के कई शहरों में फर्जीवाड़े और धोखाधड़ी यानि फिशिंग की खबरें सामने आई थीं. इन सबको रोकने के लिए ट्राई ने अब टेलीकॉल कंपनियों पर सख्ती कर दी है. गौरतलब है कि ट्राई का नया मानक साल 2019 से ही लंबित था. ट्राई ने टेलीकॉम आपरेटर्स को कहा था कि वह pesky कॉल्स और मैसेज को रोकने के लिए ब्लॉकचेन टेक्नॉलॉजी का इस्तेमाल करें.


बता दें कि दूरसंचार संसाधनों का उपयोग वित्तीय धोखाधड़ी करने और उनकी गाढ़ी कमाई के आम आदमी को ठगने के लिए किया जा रहा है. डू-नॉट डिस्टर्ब यानि डीएनडी सेवा में रजिस्ट्रेशन करने वाले ग्राहकों को टेली-मार्केटर्स यानी आरटीएम से फ़ोन कॉल और एसएमएस आते रहते हैं. जिसके बाद अनरजिस्टर्ड टेली-मार्केटर्स यानी यूटीएम भी ग्राहकों को एसएमएस भेजते रहते हैं.


गौरतलब है कि पिछले महीने दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने डिजिटल लेनदेन को सुरक्षित, विश्वसनीय और भरोसेमंद बनाने के लिए उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की थी. जिसमें उन्होंने टेलीकॉम यूजर्स के उत्पीड़न को रोकने के लिए सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया था.


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