Lakshadweep MP Faizal: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने अंतरिम बजट भाषण के दौरान लक्षद्वीप सहित अन्य द्वीपों में बुनियादी ढांचे और बंदरगाह कनेक्टिविटी परियोजनाएं शुरू करने की घोषणा की थी. उन्होंने कहा था कि घरेलू पर्यटन को संबोधित करने के लिए लक्षद्वीप सहित अपने द्वीपों पर पोर्ट कनेक्टिविटी, टूरिज्म इंफ्रास्ट्रक्चर और अन्य सुविधाओं के लिए परियोजनाएं शुरू की जाएंगी.
इस बीच लक्षद्वीप से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के सांसद मोहम्मद फैजल ने हिंदुस्तान टाइम्स से बात की. इस दौरान उन्होंने केंद्र शासित प्रदेश की चुनौतियों के लेकर चर्चा की. फैजल ने कहा कि यहां के बुनियादी ढांचे को ठीक करने के लिए बहुत कुछ करने की जरूरत है. लक्षद्वीप से जुड़ने के दो रास्ते हैं. यहां पानी के जहाजों और हवाई मार्ग से पहुंचा जा सकता है.
'फ्लाइट की तादाद बढ़ाने की जरूरत'
उन्होंने कहा कि वर्तमान में एगेट द्वीप पर केवल एक उड़ान आ रही है. हमें उड़ानों की तादाद बढ़ाने की जरूरत है. इसके लिए प्राइवेट एयर ऑपरेटर्स को लक्षद्वीप में आने के लिए प्रोत्साहित करना होगा. फैजल ने न्यूज पेपर को बताया कि द्वीप में यात्रियों के ठहरने के लिए कमरों की उपलब्धता के साथ-साथ यहां रहने में काफी चुनौतियों हैं.
'जर्जर हालत में रिजॉर्ट'
उन्होंने कहा, "हमारे यहां बहुत सीमित संख्या में कमरे हैं. लक्षद्वीप प्रशासन के रिजॉर्ट जर्जर हालत में हैं. प्रशासन अलग तरह के रवैये के साथ आगे बढ़ रहा है. वहां एक निर्जन भूमि है जिस पर प्रशासन का कोई दावा नहीं था. अब मौजूदा प्रशासक दावा कर रहे हैं कि जमीन सरकार की है और उस पर लोगों का कोई अधिकार नहीं है. इन सभी मुद्दों को बातचीत से सुलझाना होगा. यह हमारा आंतरिक मामला है."
एनसीपी सांसद ने कहा कि जिस जमीन को प्राधिकरण विकसित करना चाहता है, उससे लोगों के मन में सवाल उठ रहे हैं. इसके अलावा यह द्वीप मूंगों से बना है. इसके नीचे उगने वाले मूंगे रेत में बदल गए और वर्तमान द्वीप का निर्माण हुआ. मूंगों को वर्तमान स्वरूप में बदलने में सदियां लग गईं.
मालदीव के मंत्रियों की पीएम मोदी के खिलाफ टिप्पणी
पीएम मोदी के खिलाफ मालदीव के मंत्रियों के बयानों की आलोचना करने वाली अपनी टिप्पणी पर फैजल ने कहा कि प्रधानमंत्री मेरे निर्वाचन क्षेत्र की वकालत कर रहे हैं. मैं उनका आभारी हूं और मालदीव इस टिप्पणी से बच सकता था. हमारे प्रधानमंत्री का अपमानित होना किसी भी तरह से स्वागत योग्य नहीं है. भारत के नागरिकों के रूप में, हमें इसका विरोध करना चाहिए.
मालदीव इस मुद्दे में क्यों कूदा?
यह पूछे जाने पर कि मालदीव इस मुद्दे में क्यों कूदा, जबकि प्रधानमंत्री ने इसका उल्लेख तक नहीं किया. फैजल ने कहा कि इसके दो कारण हो सकते हैं. पहला मालदीव की नई सरकार के साथ भारत के द्विपक्षीय संबंध और दूसरा लक्षद्वीप आने वाले साल में पर्यटन के क्षेत्र में मालदीव के लिए चुनौता पेश कर सकता है.
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