Lal Bahadur Shastri Death Anniversary: 'आपस में लड़ने के बजाय गरीबी, बीमारी और अज्ञानता से लड़ना होगा', पुण्यतिथि पर पढ़ें पूर्व पीएम शास्त्री की कुछ प्रेरक बातें
Lal Bahadur Shastri: लाल बहादुर शास्त्री भारत के दूसरे प्रधानमंत्री थे, आज (11 जनवरी) उनकी पुण्यतिथि मनाई जा रही है. प्रसिद्ध नारा 'जय जवान जय किसान' शास्त्री जी ने ही दिया था.
Ex PM Lal Bahadur Shastri Death Anniversary: 'जय जवान जय किसान' का नारा देने वाले भारत के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री का जन्म 2 अक्टूबर 1904 को उत्तर प्रदेश के वाराणसी से सात मील दूर एक छोटे से रेलवे टाउन, मुगलसराय में हुआ था. उनके पिता एक स्कूल के शिक्षक थे. लाल बहादुर शास्त्री जब केवल डेढ़ वर्ष के थे तभी उनके पिता का देहांत हो गया था, जिसकी वजह से उनकी मां अपने तीनों बच्चों को अपने पिता के घर ले जाकर बस गई थीं. लाल बहादुर शास्त्री बहुत ही सरल और साधारण स्वभाव के व्यक्ति थे. वह जब प्रधानमंत्री पद पर थे तब अपनी कमाई में से गरीबों को भी एक हिस्सा दिया करते थे.
पंडित जवाहर लाल नेहरू के निधन के बाद 9 जून 1964 को शास्त्री ने प्रधानमंत्री का पदभार ग्रहण किया था और करीब 18 महीने तक देश के प्रधानमंत्री रहे थे. उनके नेतृत्व में भारत ने 1965 की जंग में पाकिस्तान को करारी शिकस्त दी थी. ताशकन्द में पाकिस्तान के राष्ट्रपति अयूब खान के साथ युद्ध खत्म करने के समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद 11 जनवरी 1966 की रात में रहस्यमयी परिस्थितियों में लाल बहादुर शास्त्री की मृत्यु हो गई थी. दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री का पूरा जीवन आज भी लोगों को प्रेरणा देता है और आगे भी देता रहेगा.
पूर्व पीएम लाल बहादुर शास्त्री की प्रेरक बातें
- मैं किसी दूसरे को सलाह दूं और उसे मैं खुद पर अमल न करूं तो मैं असहज महसूस करता हूं.
- जब स्वतंत्रता और अखंडता खतरे में हो तो पूरी शक्ति से उस चुनौती का मुकाबला करना ही एकमात्र कर्त्तव्य होता है. हमें एक साथ मिलकर किसी भी प्रकार के अपेक्षित बलिदान के लिए दृढ़तापूर्वक तत्पर रहना है.
- आजादी की रक्षा केवल सैनिकों का काम नहीं है, पूरे देश को मजबूत होना होगा.
- देश की तरक्की के लिए हमें आपस में लड़ने के बजाय गरीबी, बीमारी और अज्ञानता से लड़ना होगा.
- यदि कोई भी व्यक्ति हमारे देश में अछूत कहा जाता है तो भारत का सिर शर्म से झुक जाएगा.
- सच्चा लोकतंत्र या स्वराज कभी भी असत्य और हिंसक साधनों से नहीं आ सकते हैं.
- जो शासन करते हैं, उन्हें देखना चाहिए कि लोग प्रशासन पर किस तरह प्रतिक्रिया देते हैं. अंतत: जनता ही मुखिया होती है.
- हमारी ताकत और मजबूती के लिए सबसे जरूरी काम है- लोगों में एकता स्थापित करना.
- कानून का सम्मान किया जाना चाहिए ताकि हमारे लोकतंत्र की बुनियादी संरचना बरकरार और मजबूत रहे.
- मेरी समझ से प्रशासन का मूल विचार यह है कि समाज को एकजुट रखा जाए ताकि वो विकास कर सके और अपने लक्ष्यों की तरफ बढ़ सके.
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