Lal Krishna Advani: भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेता लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न देने की भारत सरकार ने घोषणा की है. इससे जुड़ा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक ट्वीट किया है. भारतीय जनता पार्टी में रहते हुए आडवाणी ने लंबे समय तक देश की सेवा की. कराची में जन्मे लालकृष्ण आडवाणी लगभग तीन दशक तक सांसद चुने गए और अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार (1999-2004) के मंत्रिमंडल में पहले गृह मंत्री बने और बाद में उप प्रधानमंत्री बने.


लालकृष्ण आडवाणी का जन्म 8 नवंबर,1927 को विभाजन-पूर्व सिंध प्रांत के कराची शहर (अब के पाकिस्तान) में हुआ था. कराची के सेंट पैट्रिक स्कूल में पढ़ाई के दौरान ही उन्होंने केवल 14 वर्ष की आयु में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में शामिल हो गए. तब से ही उन्होंने अपने जीवन को राष्ट्र की सेवा के लिए समर्पित कर दिया.


लालकृष्ण आडवाणी के जीवन से जुड़े प्रमुख घटनाक्रम


8 नवंबर, 1927 को लालकृष्ण आडवाणी का जन्म वर्तमान पाकिस्तान के कराची शहर में किशनचंद और ज्ञानदेवी आडवाणी के घर हुआ था. 


1936-1942 तक कराची के सेंट पैट्रिक स्कूल में आडवाणी ने पढ़ाई की. बताया जाता है कि आडवाणी मैट्रिक तक हर कक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त करते रहे.


1942 में आडवाणी स्वयंसेवक के रूप में RSS में शामिल हो गए.


1942 में भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान दयाराम गिदुमल नेशनल कॉलेज हैदराबाद में आडवाणी ने प्रवेश लिया.


1944  में आडवाणी ने मॉडल हाई स्कूल, कराची में शिक्षक के रूप कार्य करना शुरू किए थे. 


1947 से 1951 के बीच आडवाणी ने आरएसएस की कराची शाखा के सचिव के रूप में अलवर, भरतपुर, कोटा, बूंदी और झालावाड़ में RSS को मजबूत किया. 


1957 की शुरुआत में आडवाणी ने अटल बिहारी वाजपेयी की सहायता के लिए दिल्ली आकर रहने लगे.


1958से 1963 तक लालकृष्ण आडवाणी ने दिल्ली राज्य जनसंघ के सचिव के पद पर सेवा दी.


1960 से 1967 तक जनसंघ की राजनीतिक पत्रिका 'ऑर्गनाइज़र' में आडवाणी सहायक संपादक के रूप में काम किया.


25 फरवरी, 1965 को कमला आडवाणी के साथ लालकृष्ण आडवाणी वैवाहिक बंधन में बंध गए, जिनसे उनके दो बच्चे प्रतिभा और जयंत हैं.


अप्रैल 1970 में आडवाणी राज्य सभा सांसद के रूप में चुने गए और दिसंबर 1972 में भारतीय जनसंघ के अध्यक्ष बनाए गए.


26 जून 1975  को इंदिरा गांधी की सरकार में लगी इमरजेंसी के दौरान आडवाणी को बैंगलोर में गिरफ्तार कर लिया गया और बैंगलोर सेंट्रल जेल में बंद कर दिया गया.


मार्च 1977 से जुलाई 1979 तक आडवाणी केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री के पद पर रहे.  


मई 1986 में आडवाणी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष बनाए गए और 3 मार्च 1988 को दोबारा भाजपा के अध्यक्ष चुने गए.


अटल बिहारी बाजपेयी की सरकार में आडवाणी ने 1988 में गृह मंत्री का पद संभाला.


अपने जीवन काल में आडवाणी ने प्रमुख तौर पर दो यात्राएं निकाली, जिसमें पहली यात्रा 1990 में सोमनाथ से अयोध्या तक "राम रथ यात्रा" शुरू की. और 1997 में भारत की स्वतंत्रता की स्वर्ण जयंती मनाने के लिए "स्वर्ण जयंती रथ यात्रा" शुरू किए.


अटल जी की सरकार में अक्टूबर 1999 से लेकर मई 2004 तक आडवाणी गृह मंत्री रहे और जून 2002 से लेकर मई 2004 तक देश की उप प्रधानमंत्री के तौर पर सेवा की.


फिलहाल, इतनी लंबी सेवा के बावजूद आडवाणी देश के प्रधानमंत्री व राष्ट्रपति नहीं बन सके. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आडवाणी को अपना गुरु के मानते हैं. अब भारत रत्न की घोषणा होने पर आडवाणी को चाहने वालों में उत्साह है.


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