नई दिल्लीः अटल-आडवाणी दौर के मुखर नेता सुषमा स्वराज का निधन हो गया है. नई दिल्ली के एम्स हॉस्पिट में उन्होंने अंतिम सांस ली. उनके निधन पर देश भर के तमाम नेताओं ने शोक व्यक्त किया. स्वराज के निधन के बाद पूर्व उप-प्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी ने दुख जताया और कहा कि उनके निधन की खबर सुनकर मैं काफी दुखी हूं. इस दौरान अंतिम दर्शन को पहुंचे आडवाणी भावुक दिखे और वहां पहुंचते ही उनकी आंखों में आंसू छलक आए. इस दौरान उन्होंने सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी को सांत्वना भी दिया.
आडवाणी ने लिखा, ''मैं अपने सबसे करीबी सहयोगी सुषमा स्वराज जी के असामायिक निधन पर बहुत व्यथित हूं. सुषमा जी वह थीं, जिन्हें मैंने भारतीय जनता पार्टी में उनकी शानदार पारी की शुरुआत से जाना और काम किया है. जब मैं अस्सी के दशक में बीजेपी का अध्यक्ष था वो एक होनहार युवा कार्यकर्ता थीं जिन्हें मैंने अपनी टीम में शामिल किया था.
आडवाणी ने सुषमा को लेकर लिखा, ''कुछ वर्षों में वो हमारी पार्टी के सबसे लोकप्रिय और प्रमुख नेताओं में से एक बन गई, महिला नेताओं के लिए एक रोल मॉडल. एक शानदार संचालक, मैं अक्सर घटनाओं, घटनाओं को याद करने और उन्हें अत्यंत स्पष्टता और वाक्पटुता के साथ प्रस्तुत करने की उनकी क्षमता पर चकित हो जाता था.''
पूर्व उप-प्रधानमंत्री ने कहा, ''सुषमा जी भी एक अच्छी इंसान थीं. उसने अपनी गर्मजोशी और दयालु स्वभाव से सभी को छू लिया. मुझे ऐसा कोई साल याद नहीं है जब वो अपने जन्मदिन पर मेरे लिए मेरी पसंदीदा चॉकलेट केक लाने से चूक गई हों.''
बता दें कि सुषमा स्वराज लाल कृष्ण आडवाणी को अपना राजनीतिक गुरु मानती थीं. छात्र जीवन से राजनीतिक जीवन की शुरुआत करने वाली सुषमा स्वराज साल 1970 में ही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़ गईं थी. बाद में सुषमा स्वराज ने भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन कर लीं.
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