Lalbaugcha Raja: मुंबई के लालबाग में पूरे साल श्रद्धालुओं की भीड़ रहती है. यहां देश के अलग-अलग जगहों से लोग गणपति के दर पर माथा टेकने आते हैं, लेकिन गणेशोत्सव के दौरान यहां सारे रिकॉर्ड टूट जाते हैं. फिर बात चाहे यहां आने वाले भक्तों की संख्या की हो या चढ़ावे की. लालबाग के दरबार में लोग खूब चढ़ावा चढ़ाते हैं. अब क्योंकि गणेशोत्सव का समापन हो चुका है तो मंदिर प्रशासन ने इस दौरान हुए चढ़ावे की गिनती और नीलामी का फैसला किया है. यह नीलामी आज ही की जाएगी.
किस-किस चीज की होगी गिनती
बता दें कि लालबाग के राजा पर गणपति के दौरान चढ़े चढ़ावे की पहले गिनती की जाएगी. इसमें गहने और कैश दोनों शामिल हैं. गिनती पूरी होने के बाद इनकी नीलामी की प्रक्रिया शुरू होगी. नीलामी की प्रक्रिया कोरोना की वजह से ऑनलाइन भी होने लगी है. इससे आने वाले पैसों को मंदिर के काम या अन्य समाज सेवा से जुड़े कामों में यूज किया जाता है.
टूट सकते हैं पिछले रिकॉर्ड
इस बार लालबाग के राजा को कुल चढ़ावे की बात करें तो यह 20 करोड़ रुपये से अधिक हो सकती है. दरअसल, गणेशोत्सव के 5 दिनों में ही लालबाग के राजा को ढाई करोड़ रुपये की नकदी और ढाई किलो सोना और 29 किलो से ज्यादा चांदी चढ़ावे में मिली थी. कई लोग बता रहे हैं कि जब 5 दिन में ही चढ़ावा इतना हो सकता है तो 10-15 दिन में यह रिकॉर्ड बना सकता है.
दो तरह की होती है दानपेटी
लालबाग चा राजा मंडल के पदाधिकारियों का कहना है कि गणेशोत्सव के दौरान लालबाग के पंडाल में अलग-अलग दान पेटी रखी जाती है. एक पेटी पांच दिन में खुलती है, जबकि दूसरी पेटी में पूरे 10 दिन का दान जमा होता है. इस पेटी को मूर्ति विसर्जन के बाद खोलते हैं. इसमें आए चढ़ावे को गिनने मं कई घंटे लगते हैं. इसके अलावा बप्पा पर जो जूलरी चढ़ाई जाती है उसकी पहचान यानी वह असली है या नकली इसे जौहरी से चेक कराया जाता है. इसके बाद इनकी नीलामी की प्रक्रिया शुरू होती है.
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