गोपालगंज जाने की कोशिश में जुटे रहे तेजस्वी यादव, JDU ने साधा निशाना
पल मर्डर केस में जेडीयू विधायक की गिरफ्तारी की मांग को लेकर तेजस्वी, तेजप्रताप और राबड़ी देवी गोपालगंज जाना चाहते थे लेकिन प्रशासन ने उन्हें पटना में रोक दिया.
पटनाः बिहार की राजनीति के लिए शुक्रवार को दिन खासा हंगामेदार रहा. राजधानी पटना में सरकारी आवास के सामने तेजस्वी यादव, तेजप्रताप यादव और राबड़ी देवी गोपालगंज जाने को लेकर ज़िद पर अड़े थे. दूर जाने की तैयारी थी लिहाजा बड़ी एसयूवी गाड़ी से निकले थे. प्रशासन ने अनुमति नहीं दी थी ये सबको पता था ऐसे में घर के बाहर बैरिकेडिंग कर दी गई जिससे कोई बाहर नहीं निकल पाया.
इसके बाद सियासी ड्रामा शुरू हो गया. तेजस्वी आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानन्द के साथ एक गाड़ी में बैठकर मीडिया से बात करने लगे तो दूसरी गाड़ी में राबड़ी औऱ तेजप्रताप बैठ गए. न्यूज पर सबकी नजर थी तो सत्ता पक्ष भी एक-एक फ्रेम देख रहा था. मौका था गोपालगंज ट्रिपल मर्डर मामले के मुख्य आरोपित जदयू एमएलए अमरेन्द्र उर्फ पप्पू पांडेय की गिरफ्तारी की मांग को लेकर आरजेडी के गोपालगंज मार्च का, लेकिन सवाल लॉक डाउन के नियम कानून के उल्लंघन को लेकर उठ खड़ा हुआ.
काफिले के साथ चलते हुए विधायकों ने धरना दे दिया. विधायक और उनके समर्थक भरी धूप में आवास के सामने गाड़ी लगाकर सड़क पर नारेबाज़ी करने लगे लेकिन न तेजस्वी और न तेजप्रताप और न ही राबड़ी देवी ही गाड़ी से उतरीं.
पहले लॉक डाउन के उल्लंघन को लेकर जेडीयू और बीजेपी ने खिंचाई की फिर दोनों दलों ने एसी गाड़ी में बैठकर धरना देने को मुद्दा बना लिया. बिहार सरकार के मंत्री नीरज कुमार ने एक के बाद एक ट्वीट कर तेजस्वी को घेरा.
उन्होंने ट्वीट किया, ''पढ़ाई में भले फेल हों तेजस्वी, लेकिन बेहराईपन में अव्वल नजर आते हैं. देखिए तो भला खुद तो पूरे परिवार के साथ ए.सी. कार में सवार हैं और विधायकों को चिलचिलाती धूप में छोड़ दिया, बात तो नैतिकता की करेंगे, पर लक्षण बताता है जैसे शर्म बेच खाए हों.''
उन्होंने कहा, ''भ्रष्टाचार के राजकुमार तेजस्वी जी संघर्ष तो आप सिर्फ और सिर्फ अवैध संपत्ति अर्जित करने के लिए ही कर सकते हैं, जनता के लिए नहीं. आपकी रग-रग से वाकिफ हैं बिहारवासी.''
वहीं जदयू के प्रवक्ता निखिल मंडल ने तेजस्वी पर हमला करते हुए कहा, ''क्या अजीब नौटंकी है, क्या आपको लॉकडाउन के नियम कानून नहीं मालूम हैं, क्या आप यह नहीं जानते कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना है. अपनी नहीं तो कम से कम पार्टी कार्यकर्ताओं की चिंता कर लीजिए, पुलिसकर्मियों और मीडियाकर्मियों की चिंता कर लीजिए. अजीब राजनीति है आपदा की घड़ी में इस तरह की राजनीति कोई सोच भी नहीं सकता.''
उन्होंने कहा, ''आपको अगर हत्या होने पर तकलीफ हुई है तो हमें भी हुई है. इसका मतलब यह नहीं की हम नौटंकी करें. चीजों को समझिए और हालात बिगाड़ने की कोशिश मत कीजिये क्योंकि जनता सब देख रही है और आने वाले समय में सबक सिखा देगी.''